छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस के अनुसार, इन नक्सलियों में से 6 पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था. इनमें से 9 नक्सली केरलापेंडा ग्राम पंचायत के थे, जो चिंतलनार थाना क्षेत्र में आता है. पुलिस का कहना है कि इन आत्मसमर्पणों के साथ ही यह गांव अब नक्सलमुक्त हो गया है, और अब यह राज्य सरकार की नई योजना के तहत 1 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का पात्र बन गया है.
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि सभी 16 नक्सलियों, जिनमें एक महिला भी शामिल है, ने पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया. उन्होंने बताया कि इन नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा की खोखलेपन और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से निराश होकर यह कदम उठाया.
कई इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
नक्सलियों को राज्य सरकार की 'नियाद नेलनार' (आपका अच्छा गांव) योजना और नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 ने भी प्रेरित किया. आत्मसमर्पण करने वालों में रीता उर्फ डोडी सुकी (8 लाख रुपये का इनाम), राहुल पुनेम (8 लाख रुपये का इनाम), लेकम लखमा (3 लाख रुपये का इनाम) और अन्य तीन नक्सली शामिल हैं जिन पर 2 लाख रुपये का इनाम था.
गांव को मिलेगी 1 करोड़ रुपये की विकास राशि
केरलापेंडा गांव को अब नक्सलमुक्त घोषित किया गया है. इस गांव को 'एलवाड़ पंचायत योजना' के तहत 1 करोड़ रुपये की विकास राशि मिलेगी. यह योजना उन पंचायतों को प्रोत्साहित करती है जहां नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं और पंचायत उन्हें नक्सलमुक्त घोषित करती है.
यह जिले का दूसरा गांव है जो इस योजना के तहत नक्सलमुक्त बना है. इससे पहले अप्रैल में बडेसत्ती गांव को भी नक्सलमुक्त घोषित किया गया था जब वहां के 11 निचले स्तर के नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था.