मध्य प्रदेश में कर्ज माफी के चंद घंटे बाद ही छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया. मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद भूपेश बघेल ने भी कैबिनेट की बैठक की और कमलनाथ की राह चलते हुए किसानों का कर्ज माफ कर दिया. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में झीरम घाटी कांड की एसआईटी से जांच कराने का भी निर्णय लिया गया. भूपेश बघेल की कैबिनेट में तीसरा बड़ा फैसला धान पर लिया गया. राज्य में अब किसानों का धान का ढाई हजार रुपय़े प्रति क्विंटल दाम मिलेगा.
इससे पहले मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही कमलनाथ ने भी किसानों की कर्जमाफी की थी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में जनता से जो वादे किए थे, उनमें से सबसे अहम वादा किसानों की कर्जमाफी का ही था.पहली कैबिनेट मीटिंग के तीन बड़े फैसले -
1. 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रूपये का कर्जा माफ.
2. धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल किया गया.
3. झीरम हमले के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए SIT का किया गठन.
Advertisementगढ़बो नवा छत्तीसगढ़
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) December 17, 2018
भूपेश बघेल ने कैबिनेट की बैठक के बाद फ़ैसले की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने जो वादे किए, उसे निभा रही है. उन्होंने बताया कि कर्ज माफी के जरिए किसानों का 6100 करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया जाएगा. अभी किसानों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है.
कमलनाथ ने भी लिए हैं 3 बड़े फैसले
पहले ही दिन सीएम कमलनाथ ने किसानों का कर्जा माफ करने के बाद दो और बड़े फैसले लिए. सरकार ने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि को 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया. इसके अलावा तीसरा बड़ा फैसला है, नए उद्योग लगाने पर या मध्यप्रदेश में निवेश करने पर उद्योगपतियों को सिर्फ तभी सब्सिडी मिलेगी जब उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाएगा.