छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में वन विभाग के एक तत्कालीन DFO समेत पांच अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. RTI कार्यकर्ता ने लकड़ी के परिवहन में लाखों के फर्जी बिल बनाकर सरकारी तिजोरी में सेंधमारी की शिकायत की थी. अफसरों की ऊंची पहुंच के चलते पुलिस ने RTI कायकर्ता से शिकायत तो ली, लेकिन मामले की जांच नहीं की.
आखिकरकार RTI कार्यकर्ता ने भ्रष्टाचार की शिकायत अदालत में की और जिला अदालत ने पुलिस को पांच अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी और समेत सरकारी दस्तावेजों में हेरा फेरी करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. आखिरकार पुलिस ने सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिए हैं. फर्जी बिलिंग कर लाखों की हेराफेरी करने वाले वन विभाग के पांच अधिकारीयों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
बलौदाबाजार वनमंडल के डीएफओ एस.एस. डी बड़गैया, सहायक वनमंडल अधिकारी एस डी द्विवेदी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी के.डी. घृतेश, डिप्टी रेंजर रतन डढ़सेना और सतीश के खिलाफ लकड़ी ढुलाई में 30 लाख से अधिक रकम की हेराफेरी करने का आरोप है.
इस मामले में सभी आला अधिकारियों की मिली भगत साफ तौर पर नजर आ रही थी, लेकिन इस बारे में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता नारायण चौहान ने सीजेएम की अदालत में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई है.
अदालत ने पहली नजर में 30 लाख रुपए के गबन की बात को दस्तावेजों के आधार पर सही पाया और इसके बाद पुलिस को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं.