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छत्तीसगढ़ चुनाव: किस पार्टी की नींव मजबूत करेगा 'सीमेंट हब'?

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले आजतक पर आप सभी विधानसभा सीटों के बारे में जान सकते हैं. इसी कड़ी में बलोदा बाज़ार विधानसभा सीट के बारे में पढ़ें...

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बलोदा बाजार
बलोदा बाजार

छत्तीसगढ़ में 'सीमेंट हब' के नाम से मशहूर बलोदा बाज़ार पर विधानसभा चुनाव के दौरान हर किसी की नज़रें रहेंगी. देखना होगा कि आखिर सीमेंट का ये हब किस पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में उसकी नींव मजबूत करेगा.

बलोदा बाज़ार को हाल ही में जिला बनाया गया है. इसके अंतर्गत चार विधानसभा सीटें आती हैं. बात करें बलोदा बाजार विधानसभा सीट की तो यहां वोटर नेताओं के साथ लुका-छिपी का खेल खेलते हैं.

2013 के चुनाव में ये सीट जहां कांग्रेस के हाथ लगी थी, तो वहीं 2008 में इस पर बीजेपी का कब्जा था. अब इस बार भी इस सीट पर ऐसा ही खेल जारी रहता है या फिर कांग्रेस इस मिथक को तोड़ेगी, ये देखने लायक होगा.

2013, सामान्य सीट

जनक राम वर्मा, कांग्रेस, कुल वोट मिले 76549

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लक्ष्मी बघेल, बीजेपी, कुल वोट मिले 66572

2008, सामान्य सीट

लक्ष्मी बघेल, बीजेपी, कुल वोट मिले 56788

गणेश शंकर बाजपेयी, कांग्रेस, कुल वोट मिले 51606

2003, सामान्य सीट

गणेश शंकर बाजपेयी, कांग्रेस, कुल वोट मिले 23642

विपिन बिहारी वर्मा, बीजेपी, कुल वोट मिले 23333

आपको बता दें कि बलोदा बाजार में ही सीमेंट की कई बड़ी फैक्टियां हैं. यहां अल्ट्राटेक सीमेंट, ग्रासिम सीमेंट, अंबुजा सीमेंट समेत कई बड़ी कंपनियों के प्लांट मौजूद हैं. इसलिए इसे सीमेंट हब भी कहते हैं.

छत्तीसगढ़ के बारे में...

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

2013 चुनाव में क्या थे नतीजे...

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं. 2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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