छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है. ईडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मिले एक शिकायत के आधार पर यह कदम उठाया है. इसके तहत छत्तीसगढ़ में एक दर्जन से ज्यादा बैंकों से मंत्री अजय चंद्राकर के खातों में मौजूद रकम और निवेशों की जानकारी मांगी गयी है.
एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक समेत कई और बैंको की शाखाओं को ईडी ने पत्र भेज कर जांच में सहयोग करने के लिए कहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मंत्री अजय चंद्राकर की आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई हुई थी, हालांकि मंत्री अजय चंद्राकर की आपत्ति के बाद तकनीकी आधार पर उस याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था.
इसके बाद याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय में 9 हजार से ज्यादा पेजों के दस्तावेज जमा कराये थे. इसमें मंत्री और उनके परिजनों के पास बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति होने का ब्यौरा था. यह शिकायत धमतरी जिले के कुरुद गांव के आरटीआई एक्टिविस्ट कृष्ण कुमार साहू और रायपुर के डॉ मंजीत कौर बल ने की थी. दोनों ने ही मामले की सीबीआई से जांच की एक याचिका छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भी दायर की थी. इस शिकायत में मंत्री अजय चंद्राकर की रायपुर, धमतरी, कुरुद, महासमुंद और राज्य के कई और इलाकों में नामी बेनामी चल अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा दिया गया था.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बात की तस्दीक की है कि उनके मंत्री मंडल के सदस्य के खिलाफ ईडी से जांच कराने सम्बन्धी एक पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय से राज्य के सचिवालय को प्राप्त हुआ है. उनके मुताबिक सरकार जांच में पूरा सहयोग करेगी. अजय चंद्राकर की गिनती राज्य के कद्दावर मंत्रियों में होती है. उनके पास ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा कई मलाईदार विभागों का प्रभार है. बताया जा रहा है कि मंत्री के परिजन भी उन्हीं के संरक्षण में इन विभागों में ठेकेदारी का काम कर रहे हैं.
फिलहाल ईडी जांच शुरू होने के बाद अजय चंद्राकर के खिलाफ कांग्रेस भी खुल कर सामने आ गयी है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि मंत्री अजय चंद्राकर के प्रभार वाले ज्यादातर विभागों में भ्रष्टाचार की जांच के कई मामले ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन ब्यूरो में विचाराधीन है. वहीं राज्य सरकार के अधीन होने के चलते इन दोनों ही विभागों के अधिकारी मंत्री के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं कर पाए हैं.