सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर राज्यपाल ने अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया है इसलिए उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए.
अग्निवेश ने कांकेर जिले का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य के कांकेर जिले में आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना घृणित है तथा दिल्ली में छात्रा के साथ हुई घटना से ज्यादा वीभत्स है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं है और न ही राज्यपाल ने अपनी भूमिका का ठीक तरीके से निर्वहन किया है. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने और राज्यपाल ने अभी तक घटनास्थल का दौरा नहीं किया है.
अग्निवेश ने कहा कि राज्य में लगातार आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार के मामले हो रहे हैं और राज्यपाल को अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए. लेकिन वे अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. इसलिए उन्हें उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वे कांकेर मामले की रिपोर्ट राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सौपेंगे और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को हटाने की मांग करेंगे. राज्यपाल अपनी स्वेच्छा से पद छोड़ दें या राष्ट्रपति उन्हें हटा दें.
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने कांकेर जिले के झलियामारी गांव का दौरा किया और देखा कि आदिवासी कन्या आश्रमों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. बच्चियों के लिए बाथरूम की व्यवस्था नहीं है. वे वहां से दूर तालाब में नहाने के लिए मजबूर हैं.
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि घटना को उजागर हुए 10 दिनों से ज्यादा समय बीत गया है लेकिन अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह या राज्यपाल ने क्षेत्र का दौरा नहीं किया है. यह आदिवासियों के प्रति उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है.
उन्होंने राज्य के बस्तर क्षेत्र में पूर्व में हुए घटनाओं के बारे में कहा कि बस्तर क्षेत्र में पहले भी आदिवासियों पर अत्याचार के कई मामले हो चुके हैं. चाहे वह सारकेगुड़ा की घटना हो जिसमें निर्दोष आदिवासी मारे गए हैं या कांकेर में बच्चियों के साथ बलात्कार का. सभी मामलों में राज्य सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है.
इधर, रायपुर में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश पर नक्सलियों का साथ देने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ में नारे भी लगाए.