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छत्तीसगढ़ में भूख से बच्चे की मौत!

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने दावा किया है कि सरगुजा जिले के मैनपाट इलाके में मांझी जाति के आदिवासी परिवार के एक बच्चे की भूख से मौत हो गई है. इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है.

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने दावा किया है कि सरगुजा जिले के मैनपाट इलाके में मांझी जाति के आदिवासी परिवार के एक बच्चे की भूख से मौत हो गई है. इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है.

अजीत जोगी ने सरकार से मांग की है कि भूख से तड़प-तड़पकर छोटे से आदिवासी बच्चे की मौत के लिए संबंधित जिला कलेक्टर को जवाबदार मानकर उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई और आपराधिक मामला दर्ज किया जाए.

देश की संसद में 'राइट टू फूड' का कानून बनाकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को हर भारतवासी का जन्मसिद्ध अधिकार घोषित किया गया है. इस प्रकार प्रदेश के सभी निवासियों को भरपेट भोजन दिलाना अब राज्य सरकार का दायित्व है.

स्पष्ट है कि सरगुजा जिले में खाद्य सुरक्षा से जुड़ी हुई योजना, जैसे एक रुपये किलो चावल, दो रुपये किलो चावल, 35 रुपये किलो चावल, सात रुपये किलो चावल आदि का लाभ तय नहीं हुआ है. ऐसा भी सुना जा रहा है कि इस मामले में संबंधित परिवार का बना-बनाया राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया था.

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अजीत जोगी ने कहा कि वह आदिवासी काम और मजदूरी की तलाश में तीन बच्चों को लेकर भटक रहा था. यह इस बात का भी प्रमाण है कि सरगुजा जिले में मनरेगा योजना का काम भी ठीक से नहीं चल रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ढिंढोरा पीटकर इस अधिकार का प्रचार करते आए हैं. सरगुजा जिले में संसद द्वारा दिए अधिकार और केंद्र तथा राज्य सरकार के योजनाओं का उल्लंघन एक गंभीर चूक और अनियमितता है.

इनपुट: IANS

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