नोटबंदी के दौरान जनधन खातों में कालाधन जमा होने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने खातों से हर माह 5 हजार से ज्यादा राशि की निकासी पर रोक लगा दी थी. इसके विपरीत छत्तीसगढ़ में एक सप्ताह के भीतर ही जनधन खातों में 45 करोड़ से ज्यादा राशि निकाली गई है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि बैंको ने निर्देशों का पालन नहीं किया है. दिलचस्प बात यह है कि एक माह के भीतर जीरो बैलेंस वाले खातों में काफी कमी आ गई थी लेकिन पिछले हफ्ते इनकी संख्या 1 लाख 14 हजार की वृद्धि दर्ज की गई.
14 दिसम्बर की तारीख में छत्तीसगढ़ के भीतर जनधन खातों की संख्या 1 करोड़ 11 लाख 46 हजार 986 थी. पिछले सप्ताह इन खातों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ 11 लाख 57 हजार से अधिक हो गई. यानी 10 हजार 6 सौ नए जनधन खाते इस दौरान खुले. हालांकि जनधन खातों में जमा राशि में 14 दिसम्बर से 21 दिसम्बर के बीच घटत देखी गई.
14 तारीख को खातों में 1571 करोड़ रुपये जमा होने की जानकारी बेबसाइट पर दी गई थी, लेकिन अगले 7 दिन के भीतर यह राशि घटकर 1526 करोड़ रुपये ही रह गए. यानी एक हप्ते के भीतर खातों से 45 करोड़ निकाले गए. इसके पहले जनधन खातों में लगातार राशि बढती रही है.
गौरतलब है कि जनधन खातों में जमा और निकासी दोनों की निगरानी आयकर विभाग और राज्य सरकार की ओर से की जा रही है. इसमें होनी वाली किसी भी तरह की कोई अनियमितता आने वाले समय में सामने आ जाएगी. जनधन खाताधारकों को आधार से जोड़ने और रुपए कार्ड जारी करने के आंकड़े जरूर बढ़े हैं. साथ ही जमा राशि बड़े पैमाने पर निकालने से जीरो बैलेंस वाले खातों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. 14 दिसम्बर की तारीख पर राज्य में जीरो बैलेंस वाले खातों की संख्या घटकर 37 लाख 55 हजार हो गई थी. जो पिछले हफ्ते फिर बढ़कर 38,61,952 हो गई. यानी एक हफ्ते में जीरो बैलेंस वाले एक लाख चौवालीस हजार खाते बढ़ गए जबकि इस दौरान सिर्फ 10 हजार ही नए खाते खुले.
राज्य में 7 से 14 दिसंबर के बीच जनधन खातों की संख्या में 7 लाख 92 हजार की कमी के संबंध में बैंक के जानकारों का कहना है कि केवाईसी फार्म लेकर जनधन खातों को सामान्य खातों में बदलने का प्रावधान है. लेकिन नोटबंदी के दौरान एक हप्ते में ही लगभग 8 लाख खातों को सामान्य खातों में बदलने का मामला संदेहों को जन्म दे रहा है.
तब जबकि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने जनधन खातों से हर माह 5 हजार से ज्यादा की निकासी पर रोक लगाई है. राज्य में जो लाख जनधन खाते कम हुए है उनमें करीब 276 करोड़ रुपये जमा थे. यदि ये खाते सामान्य खातों में तब्दील हुए होंगे तो उनमे से राशि निकासी की पाबन्दी हट जाएगी. इस बात पर सरकार और आयकर विभाग को जांच करनी चाहिए.