पटना उच्च न्यायालय ने माकपा नेता अजीत सरकार हत्या मामले में राजद के पूर्व विवादित सांसद पप्पू यादव को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. निचली अदालत ने इस मामले में पप्पू को 2008 में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी थी.
न्यायमूर्ति वी एन सिंह और न्यायमूर्ति के के लाल की पीठ ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और दो अन्य आरोपियों राजन तिवारी तथा अनिल कुमार यादव को करीब 15 साल पुराने इस मामले से जुड़े सभी आरोपों से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इसके साथ ही अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर यादव किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें तत्काल जेल से रिहा किया जाए.
माकपा के पूर्व विधायक सरकार की 14 जून 1998 को पूर्णिया जिले में अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. सीबीआई ने मामले की जांच की थी जिसमें राजद के पूर्व सांसद, तिवारी और यादव पर आरोप लगाया गया था. पप्पू यादव चार बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं.
वह 1991, 1996, 1999 और 2004 में लोकसभा चुनावों में विजयी हुए थे. मामले में दोषसिद्धि के बाद 2009 में उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी थी. पप्पू यादव बेउर जेल और तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान अपने आचरण के कारण कई बार खबरों में रहे हैं.