बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के कामकाज के अलावा बेहतर इलाज के लिए भी दिल्ली जाते रहते हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार के आंख के इलाज के लिए दिल्ली जाने पर विपक्ष बिहार की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर उनपर हमलावर हैं.
राजधानी पटना में नीतीश कुमार के दिल्ली जाने के अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली रवाना होने से पहले ही साफ कर दिया था कि वो दिल्ली सियासत करने नहीं बल्कि आंख दिखाने जा रहे हैं.
पटना से दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एम्स अस्पताल में जाकर अपना आंख दिखाया. सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली पहुंचने की खबर मिलते ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता चिराग पासवान ने ट्विटर पर तंज करते हुए लिखा, 'स्वास्थ्य लाभ के लिए सीएम दिल्ली की यात्रा पर हैं. उन्हें शुभकामनाएं. प्रार्थना है कि उनकी तरह दिल्ली नहीं जा पाने वाले बिहारियों के भी आरोग्य होने पर वो विशेष ध्यान दें. बिहार में माकूल सुविधाएं होती तो वे खुद दिल्ली क्यों जाते.'
वहीं दूसरी तरफ बिहार के राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी तेज हो गई है कि नीतीश कुमार जब भी दिल्ली जाते हैं, कोई ना कोई सियासी घटना जरूर होती है.
नीतीश के सियासी आलोचकों के मुताबिक केंद्र सरकार में जिस तरह शुरू में जेडीयू शामिल होने से इनकार करती रही और फिर अचानक आरसीपी सिंह को केंद्र सरकार में जगह मिल गई उसके पीछे नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा ही कारण था.
राजधानी पटना में चर्चा है कि नीतीश जब भी दिल्ली जाते हैं, बड़ी खिचड़ी पकती है. बिहार में ये अटकलें भी लगाई जा रही है कि आंख दिखाने के बहाने नीतीश कुमार दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर यूपी में होने वाले चुनाव को लेकर मंथन करेंगे और जेडीयू की यूपी विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर बातचीत करेंगे.
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