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जेडीयू में नीतीश खेमे का मास्टरस्ट्रोक, राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने का प्लान

जेडीयू में बागियों की बढ़ रही गतिविधियों के देखते हुए नीतीश कुमार खेमे ने एक नया मास्टर स्ट्रोक खेला है. पार्टी के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नीरज कुमार ने पार्टी के सामने एक प्लान पेश किया.

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

जेडीयू में बागियों की बढ़ रही गतिविधियों के देखते हुए नीतीश कुमार खेमे ने एक नया मास्टर स्ट्रोक खेला है. पार्टी के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नीरज कुमार ने पार्टी के सामने एक प्लान पेश किया. उनके प्‍लान के मुताबिक राज्य की तीनों राज्यसभा सीटों पर जेडीयू अपना उम्मीदवार ही न उतारे और उच्च राजनैतिक मानदंड का परिचय दे.

ऐसा इसलिए क्‍योंकि तीनों जीती सीटें जेडीयू के खेमे की नहीं थी. हालांकि संख्या बल ऐसी है कि जेडीयू अकेले दम पर तीनों सीटें जीत सकती है पर पार्टी ने ये नया दांव खेला है. जैसे ही ये दांव चला गया जेडीयू ने अपने प्रवक्ता को भी इसके समर्थन में उतार दिया और कहा गया कि पार्टी नीरज कुमार के इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है.

दरअसल बागियों से निपटने का ये नीतीश कुमार का नया प्लान हो सकता है, जिसमें एक तीर से कई निशाने साध लिए जाएंगे. हालांकि शाम से नीतीश कुमार के घर पर चर्चाओं का दौर जारी है, क्योंकि अगर ये प्लान सटीक बैठा तो मतलब होगा कि शरद यादव का राज्यसभा नहीं पहुंचना. पिछले कुछ दिनों से बिहार में जेडीयू के बागियों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. उनमें से ज्यादातर शरद यादव के करीबी हैं, ऐसे में अगर नीतीश कुमार का ये प्लान सटीक बैठा तो अब नीतीश और शरद खेमे में आर-पार की लड़ाई सामने आ सकती है.

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इस प्‍लान के बारे में विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा, 'हां, हमने पार्टी को ये प्लान दिया है कि किसी को भी राज्यसभा नहीं भेजा जाए, क्योंकि जब नीतीश कुमार ने उच्च आदर्शों का पालन करते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया तो ये तीनों सीटे दूसरे दलों की है. ऐसे में हमे इन सीटों पर अपना दावा नहीं करना चाहिए.'

ऊधर, पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक ने भी साफ कर दिया कि पार्टी में इसपर गंभीरता से विचार चल रहा है कि राज्यसभा में किसी को नहीं भेजा जाए, रही बात शरद यादव की तो पार्टी का फैसला उनका ही फैसला होगा क्योंकि वो पार्टी के सर्वोच्च नेता है.

जेडीयू प्रवक्‍ता अजय आलोक ने कहा, 'नीतीश खेमे को शक है कि पार्टी के भीतर बागियों को हवा शरद यादव दे रहे हैं और पार्टी को लगता है कि अगर चुनाव में जेडीयू ने तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतारे तो बड़े पैमाने पर क्रास वोटिंग हो सकती है. ऐसे में राज्यसभा में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला पार्टी को बचाने के साथ-साथ बागियों पर लगाम लगाने का बड़ा कदम हो सकता है.

शनिवार देर रात शरद यादव पटना पहुंच रहे हैं. इसके बाद इसपर फैसला होगा लेकिन साफ है कि पार्टी ने ये दांव चलकर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं. एक तरफ शरद यादव को अपने लिए एक सीट लेने की जद्दोजहद करनी पड़ सकती है तो दूसरी ओर बागियों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी भी उनपर डाली जा सकती है.

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