बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ भविष्य में उनकी पार्टी जेडीयू के किसी प्रकार के गठबंधन से इनकार करते हुए कहा कि चाहे जो भी परिणाम हो, यह अध्याय हमेशा के लिए बंद हो गया है.
पिछले 14 जनवरी को बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र के दौरान राज्यपाल डीवाई पाटिल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद मंगलवार को सरकार की ओर से जवाब देने के क्रम में नीतीश ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बीजेपी के साथ भविष्य में कोई गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. चाहे इसके जो भी परिणाम हों.
जनमत के साथ विश्वासघात करने के बीजेपी के आरोप पर नीतीश ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने विश्वास नहीं तोड़ा, बल्कि बीजेपी ने गठबंधन को लेकर किए गए वादे को भूलकर उनके साथ विश्वासघात किया.
नीतीश ने दावा किया कि एनडीए के शासनकाल में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता के दिल्ली में स्थित आवास पर पिछले साल उनकी मुलाकात करवाई थी और गडकरी ने आश्वस्त किया था. उन्होंने कहा कि यहां तक कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी उन्हें आश्वासन दिया था कि मोदी को लेकर पार्टी अध्यक्ष के वायदे को कायम रखा जाएगा, पर ऐसा नहीं होने की वजह से वे एनडीए से अलग होने पर मजबूर हुए.
मुख्यमंत्री के इस खुलासे के बाद प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने अपने सीट से खडे़ होकर इसका कडे़ शब्दों में विरोध करते हुए कहा कि वे उनके इन नेताओं का नाम ले रहे हैं, जबकि वे अपना पक्ष रखने के लिए सदन में मौजूद नहीं हैं. नंदकिशोर की आपत्ति को दरकिनार करते हुए नीतीश ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री कैसा होना चाहिए, उसको लेकर डेढ़ साल पूर्व एक अंग्रेजी अखबार में साक्षात्कार में अपने विचार रख दिए थे. उसके दस महीने के बाद बीजेपी में दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ते हुए अपने सिद्धांत के कारण उससे रिश्ता तोड़ने का निर्णय ले लिया. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय और प्रदेश इकाई के नेताओं के जेडीयू के नाता तोड़ लिए जाने पर हंगामा किए जाने के बारे में कहा कि गठबंधन तोड़ने का निर्णय उन्होंने बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी के युग के अंत होने तथा एक नए युग की शुरुआत होने को महसूस करते हुए लिया.
नीतीश ने नंदकिशोर से कहा कि अगर वे सदन के इस सत्र के दौरान या किसी अन्य दिन चाहें, उसके लिए वे सदन के अध्यक्ष से अनुरोध कर विशेष सत्र बुला देंगे. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी सरकार को गिरा दें, उसकी उनको परवाह नहीं है.