बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों के कोरोना संक्रमित होने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद अब तक 879 पहुंच चुकी है. इनमें से कुल 244 मामले 4 से 12 मई के बीच सामने आए हैं. इनमें से 190 मामले अन्य राज्यों से बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों के हैं.
प्रवासी मजदूरों के बिहार लौटने का सिलसिला 2 मई से चल रहा है, जब रेलवे ने अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू किया. तब से प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले प्रदेश में लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
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चिंता की बात यह है कि पिछले 10 दिन में कोरोना वायरस से संक्रमण के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा संख्या प्रवासी मजदूरों से जुड़े मामलों की है. 4 से 12 मई के बीच प्रवासी मजदूरों के संक्रमित होने के सबसे ज्यादा मामले बेगूसराय जिले से आए हैं, जहां पर अब तक 26 प्रवासी मजदूरों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
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इसके अलावा नालंदा जिले में भी 15 प्रवासी मजदूर अब तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पटना और सहरसा लौटे 11-11 प्रवासी मजदूर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. गौरतलब है कि 2 मई से श्रमिक एक्सप्रेस चलने के बाद से अब तक तकरीबन 125 ट्रेन के जरिए लगभग 1.5 लाख प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों से बिहार लौट चुके हैं.
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जानकारी के मुताबिक अगले 1 हफ्ते में तकरीबन 100 और ट्रेन के जरिए 1.25 लाख प्रवासी मजदूर बिहार लौटने वाले हैं. अब, जिस रफ्तार से प्रवासी मजदूरों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो रही है, बिहार की नीतीश सरकार की चिंता बढ़ गई है. बता दें कि देश में कोरोना से पीड़ित लोगों की तादाद देश में 74000 के पार पहुंच चुकी है.