scorecardresearch
 

गए थे दहेज मांगने, सात फेरों से 4 दिन पहले करनी पड़ी कोर्ट मैरिज

पंचों के सामने लड़की के परिवार ने शक जाहिर किया कि पवन शादी से मुकर भी सकता है. लिहाजा पंचायत ने उसे 26 अप्रैल को ही कोर्ट में शादी का आदेश दिया.

Advertisement
X
पंचायत के आदेश के बाद की कोर्ट मैरिज
पंचायत के आदेश के बाद की कोर्ट मैरिज

कहते हैं दुल्हन की दहेज है. लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में एक दूल्हे को अपनी शरीक-ए-हयात से ज्यादा दहेज के सामान का लालच था. इसकी कीमत उसे ना सिर्फ फजीहत झेलकर चुकाई बल्कि तय तारीख से चार दिन पहले कोर्ट में शादी भी करनी पड़ी.

क्या था मामला?
मुजफ्फरपुर के धनौति गांव की चंचला कुमार की शादी साहेबगंज के परसौनी-रईस गांव के पवन के साथ तय हुई थी. गांव के नाम के साथ भले ही रईस जुड़ा हो, लेकिन पवन का दिल दुल्हन के मामले में गरीब था. 24 अप्रैल को तिलक की रस्म के दौरान लड़कीवालों ने दहेज में काफी सामान दिया. पहले से तय 1 लाख की रकम में से 70 हजार भी चुकाए. लेकिन शुक्रिया अदा करने के बजाए पवन अपने होने वाले ससुराल पहुंच गया. उसने ना सिर्फ सामान को खराब बताया बल्कि बकाया नगद रकम भी मांगने लगा.

Advertisement

ससुराल में आई शामत
लेकिन ये ससुराल कुछ अलग था. लड़की के परिवारवालों ने उसकी मिन्नतें करने के बजाए दूल्हे को बंधक बना लिया. शादी से महज चार दिन पहले इस बवाल पर दूल्हे के घरवाले भी कैसे चुप बैठते? झगड़ा बढ़ते-बढ़ते पंचायत तक पहुंचा. पंचों के सामने लड़की के परिवार ने शक जाहिर किया कि पवन शादी से मुकर भी सकता है. लिहाजा पंचायत ने उसे 26 अप्रैल को ही कोर्ट में शादी का आदेश दिया.

मिट गए गिले-शिकवे
हालांकि वरमाला पहनाने के बाद दोनों परिवारों में सुलह हो गई है. लड़की की मां मीता देवी ने पंचायत के फैसले पर खुशी जताई. वहीं पवन के चाचा कुमोद राय के मुताबिक वो चंचला को बहू मानते हैं और उनके घर में उसका पूरा सम्मान होगा.


Advertisement
Advertisement