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अनंत अंबानी ने की 170 किमी की जामनगर से द्वारका तक की पदयात्रा

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अनंत अंबानी की पदयात्रा: एक नई पहल

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • पदयात्रा के दौरान मिल रही श्रद्धा और समर्थन
  • स्वास्थ्य समस्याओं को चुनौती देते हुए यात्रा
  • धार्मिक यात्राओं में अनंत की भागीदारी

भारत में पदयात्रा एक महत्वपूर्ण और प्राचीन परंपरा रही है, जहाँ लोग धार्मिक यात्रा के दौरान भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। इस परंपरा को अब देश के सबसे अमीर परिवार के एक सदस्य ने भी अपनाया है। हम बात कर रहे हैं अनंत अंबानी की, जिन्होंने जामनगर से द्वारका तक 170 किमी की पदयात्रा शुरू की है।

अनंत अंबानी की पदयात्रा: एक नई पहल

29 वर्षीय अनंत अंबानी ने 29 मार्च को अपनी पदयात्रा शुरू की, जो उनके लिए धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा के रूप में बहुत खास है। यह यात्रा उन्हें उनके पैतृक शहर जामनगर से शुरू करके भारत के पवित्र शहर द्वारका तक ले जाएगी। इस यात्रा में वे प्रतिदिन लगभग 20 किमी चल रहे हैं और इस यात्रा में उन्हें लगभग 7 घंटे का समय लगता है। उनका लक्ष्य 8 अप्रैल को द्वारका पहुंचना है, जो उनके 30वें जन्मदिन से एक दिन पहले होगा।

पदयात्रा के दौरान मिल रही श्रद्धा और समर्थन

पदयात्रा के दौरान अनंत अंबानी को कई लोग समर्थन दे रहे हैं। कई लोग उनके साथ कुछ दूर चलने आ रहे हैं, कुछ लोग उन्हें भगवान द्वारकाधीश की तस्वीरें दे रहे हैं, और कुछ लोग अपने घोड़े लेकर उनके साथ फोटो खिंचवाने आ रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वे भक्ति भाव से हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और देवी स्तोत्र का जाप भी कर रहे हैं।

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स्वास्थ्य समस्याओं को चुनौती देते हुए यात्रा

अनंत अंबानी की यह पदयात्रा खास है क्योंकि उन्होंने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को पार करते हुए यह यात्रा शुरू की है। वे कूशिंग सिंड्रोम (एक दुर्लभ हार्मोनल विकार), मोटापे, अस्थमा और गंभीर श्वसन रोग जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, फिर भी उन्होंने इस कठिन यात्रा को करने का निश्चय किया है।

धार्मिक यात्राओं में अनंत की भागीदारी

अनंत अंबानी का आध्यात्मिक जीवन बहुत सक्रिय है। वे भारत के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों के नियमित दर्शनार्थी रहे हैं, जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ, कामाख्या, नाथद्वारा, कालीघाट और कुम्भ मेला। इसके अलावा, उन्होंने वंतारा पशु आश्रय की स्थापना भी की है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

धार्मिक परंपरा और व्यापार में सफलता का सामंजस्य

अनंत अंबानी अपने परिवार के व्यापारिक साम्राज्य का भी संचालन करते हैं। वे दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनरी प्रोजेक्ट का प्रबंधन करते हैं और भारत की सबसे बड़ी नई ऊर्जा परियोजनाओं का निर्देशन भी करते हैं। इस प्रकार, वे धार्मिक परंपरा का पालन करते हुए व्यापार के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

निष्कर्ष

अनंत अंबानी की पदयात्रा यह दर्शाती है कि एक व्यक्ति धर्म और व्यापार दोनों क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। उनकी यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि कठिनाइयाँ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के रास्ते में रुकावट नहीं डाल सकतीं।

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अस्वीकरण: लेख में मौजूद सामग्री और जानकारी सिर्फ़ विज्ञापन के मकसद से है. आज तक, वेबसाइट पर मौजूद ऐसी किसी भी जानकारी के लिए ज़िम्मेदार नहीं है जिसकी वजह से व्यापार, कानूनी या कोई अन्य फैसला लिया गया हो. ऐसी किसी भी सामग्री पर निर्भरता पाठक के अपने जोखिम पर है.

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