ओट्स एक हेल्दी अनाज है जो हमारे नाश्ते का एक मेन ऑप्शन बन गया है. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. जब हम ओट्स को दूध के साथ खाते हैं, तो यह कॉम्बिनेशन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह हमारे शरीर को और भी अधिक पोषक तत्व प्रदान करता है. तो आइए जानते हैं रोज ओट्स खाने से आपके शरीर को कौन-कौन से फायदे मिल सकते हैं.
ओट्स के प्रकार
ओट्स की तीन प्रकार की प्रोसेसिंग होती है:
1. स्टील कट ओट्स (Steel Cut Oats): ये ज्यादा कम प्रॉसेस्ड होते हैं, इन्हें कटी हुई छोटी-छोटी स्टील की ब्लेड से काटा जाता है. इन्हें दलिया बनाने में उपयोग किया जाता है और ये ज्यादा हेल्दी माने जाते हैं.
2. रोल्ड ओट्स (Rolled Oats): स्टील कट ओट्स को भाप में स्टीम करके रोल किया जाता है जिससे ये फ्लैट और सॉफ्ट हो जाते हैं. इन्हें स्मूदी या ओट्स मिल्क बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
3. इंस्टेंट ओट्स (Instant Oats): ये सबसे ज्यादा प्रोसेस्ड होते हैं जिनमें प्रिजर्वेटिव और कुछ अन्य चीजें मिलाकर कुक्ड फॉर्म दिया जाता है, इन्हें जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
वजन कम करने में ओट्स के फायदे
1. बीटा ग्लूकॉन फाइबर: ओट्स में एक खास तरह का सॉल्युबल फाइबर होता है जिसे बीटा ग्लूकॉन कहते हैं. यह फाइबर पानी को अवशोषित कर पेट में फूल जाता है जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और ओवरईटिंग कम होती है. यह कब्ज भी दूर करता है और पाचन सुधारता है. इसके अलावा, बीटा ग्लूकॉन कोलेस्ट्रॉल कम करने और हार्ट हेल्थ सुधारने में सहायक होता है.
2. न्यूट्रिएंट डेंस फूड: ओट्स के पोषक तत्व कैलोरी के मुकाबले बहुत ज्यादा होते हैं. इसमें प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, जिंक जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं. 30 ग्राम ओट्स में ज्यादा प्रोटीन और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं,जिससे यह वेट लॉस को सपोर्ट करता है.
3. ग्लूटेन फ्री ग्रेन: कई लोगों को ग्लूटेन एलर्जी होती है जो ब्रेड, पास्ता जैसे हाई ग्लूटेन वाले फूड्स में होता है. ओट्स ग्लूटेन फ्री होते हैं और यह ग्लूटेन से एलर्जी वाले या वजन घटाना चाहने वाले लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है. ओट्स से बनी कई मीठी और नमकीन डिशेज भी आसानी से बनाई जा सकती हैं.
4. रेजिस्टेंस स्टार्च: ओट्स में रेजिस्टेंस स्टार्च होता है जो आपके आंत के अच्छे बैक्टीरिया के साथ मिलकर छोटे फैटी एसिड में बदलता है. यह आपके कोलन को हेल्दी रखता है, डाइजेशन सुधारता है, शुगर कंट्रोल में मदद करता है और डायबिटीज के रिस्क को कम करता है. रेजिस्टेंस स्टार्च पाने का सबसे अच्छा तरीका है ओट्स को ओवरनाइट (रातभर) भिगोकर रखना.
5. वर्सेटाइल फूड ऑप्शन: ओट्स से आप कई तरह की डिश बना सकते हैं जैसे कुकीज, ग्रेनोला बार्स, स्मूदी, दलिया आदि. यह जल्दी पक जाता है और बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसे आसानी से खा सकते हैं. मार्केट में यह आसानी से उपलब्ध और सस्ते में मिल जाता है.
ओट्स के सेवन के समय और सावधानियां:
ओट्स को ब्रेकफास्ट या डिनर में खाया जा सकता है. अगर आपको ओट्स खाने के बाद नींद आती है, तो आप इसे डिनर में खा सकते हैं. ओट्स को आप कई तरह से बना सकते हैं, जैसे कि दलिया, स्मूदी, कुकीज आदि.