scorecardresearch
 

50 की उम्र के बाद खाना शुरू कर दें ये चीजें, बदल जाएगी आपकी जिंदगी

50 की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं. इसके अलावा शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी भी होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी सेहत का खास ख्याल रखें और कुछ हेल्दी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में.

Advertisement
X
healthy habits for old age
healthy habits for old age

50 की उम्र पार करने के बाद हमारे शरीर में कई शारीरिक, मानसिक और इमोशनल चेंज आने लगते हैं, जो हेल्थ को प्रभावित करते हैं. लेकिन सही जानकारी और छोटे-छोटे लाइफस्टाइल के बदलावों से इन्हें टाला जा सकता है. आइए जानते हैं समस्याएं और इनसे बचाव के तरीके.

सबसे पहली समस्या मसल मास कम होना या सार्कोपीनिया है. उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे कमजोरी, बैलेंस की समस्या और रोजाना के कामों में परेशानी होती है. इससे बचने के लिए हर मील में प्रोटीन का सही सेवन जरूरी है, जैसे पनीर, दाल, अंडे, दही, मीट, और मछली. इसके साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी जरूरी हैं. मात्र वॉकिंग या हल्की एक्सरसाइज पर्याप्त नहीं होती. जिम में भारी वेट उठाने की जरूरत नहीं, बल्कि घर पर बॉडी वेट एक्सरसाइज जैसे पुश अप्स, सीट अप्स आदि से भी मसल्स मजबूत किए जा सकते हैं. योगा और नियमित वॉकिंग भी फिटनेस और मोबिलिटी बढ़ाने में मदद करती हैं. 

दूसरी जरूरी दिक्कत बोन डेंसिटी कम होना है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर कैल्शियम और विटामिन डी का सही तरीके से अवशोषण नहीं कर पाता, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. इसे रोकने के लिए कैल्शियम युक्त डाइट जैसे दूध, दही, रागी, तिल, बादाम, अंडे की जर्दी, मशरूम आदि फायदेमंद होते हैं. इसके साथ रोजाना धूप में 15-20 मिनट बिताना जरूरी है ताकि विटामिन डी का प्रोडक्शन हो सके. वेट-बियरिंग एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग और जॉगिंग हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं. 

Advertisement

तीसरा चैलेंज मेटाबॉलिज्म का धीमे होना है, जिससे एनर्जी कम हो जाती है, वजन बढ़ता है और थकावट महसूस होती है. इससे बचने के लिए हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा और चीनी से बचना चाहिए. इसकी बजाय ओट्स, बाजरा, ज्वार, रागी, अमरंत जैसे अनाज और ज्यादा फ्रूट्स-सब्जियां खाना चाहिए. खाने को छोटे-छोटे हिस्सों में और धीरे-धीरे खाना चाहिए, जिससे पाचन अच्छा होता है. खाने के दौरान टीवी या मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें. 

डाइजेस्टिव सिस्टम भी सीनियर एज में कमजोर पड़ता है, जिससे ब्लोटिंग, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं सामने आती हैं. डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए प्रोबायोटिक्स बहुत जरूरी हैं, जो दही, डोसा, इडली जैसे होम फर्मेंटेड फूड्स में पाए जाते हैं. कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त डाइट जैसे पालक, अमरूद, पपीता, अलसी के बीज और खूब पानी पीना आवश्यक है. खाने के तुरंत बाद पानी पीने या लेटने से बचें, बल्कि भोजन के बाद 10 मिनट वॉक करें और आधे घंटे बाद पानी पीएं. यह छोटी आदतें डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाएंगी. 

हार्ट हेल्थ भी 50 के बाद एक बड़ा मुद्दा है. कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक और आर्टरी ब्लॉकेज का डर होता है. इससे बचने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाले फूड्स, जैसे फ्लैक्स सीड्स, अखरोट, सैल्मन, मैकरिल या देसी मछली का सेवन करें. ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट वाले डीप-फ्राइड और बेकरी आइटम से बचें. हेल्दी ऑयल जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, कोल्ड प्रेस्ड मस्टर्ड ऑयल या देसी घी का सीमित मात्रा में प्रयोग करें. 

Advertisement

स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए मेडिटेशन और प्राणायाम को अपनाएं. कोलेस्ट्रॉल हर 6 महीने और ब्लड प्रेशर की हर महीने जांच करें, ताकि समस्याओं का जल्दी पता चल सके. 50 के बाद बहुत आम समस्या है इम्यून सिस्टम का कमजोर होना.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement