Generic obesity drug: भारत में जैसे-जैसे मोटापा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे वजन कम करने वाले सप्लीमेंट, फैट लॉस पिल्स का मार्केट भी तेजी से बूम कर रहा है. पिछले कुछ महीनों में वजन कम करने वाली 2 दवाओं भारत में ऑफिशिअली रूप से लॉन्च हुई हैं. पहले एली लिली की मौनजारो मार्च में लॉन्च हुई थी और अभी जून में नोवो नॉर्डिस्क की वेगोवी लॉन्च हुई है. अब हाल ही में खबर सामने आई है कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज अगले साल 87 देशों में लॉन्च हो चुकी नोवो नॉर्डिस्क की ब्लॉकबस्टर वजन घटाने वाली दवा वेगोवी का सस्ता वैरिएंट लॉन्च करने का प्लान बना रही है.
कब तक आएगी जेनेरिक दवा
Reuters के मुताबिक, भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ एरेज इजरायल का कहना है, नोवो के वेगोवी और ओजेम्पिक के एक्टिव कंपाउंड, जेनेरिक सेमाग्लूटाइड को लांच करने की योजना ऐसे समय में आई है, जब ड्रग मेकिंग कंपनीज, ग्लोबल ओबेसिटी मेडिसन मार्केट में हिस्सेदारी हासिल करने की होड़ में हैं जिससे 2030 के दशक के शुरुआत तक लगभग 12,450 अरब की बिक्री होने की उम्मीद है.
कंपनी पेटेंट खत्म होने के बाद शुरुआत में कनाडा, भारत, ब्राजील, तुर्की और अन्य उभरते बाजारों में जेनेरिक वैरिएंट लॉन्च करने की योजना बना रही है. इसके बाद अमेरिका और यूरोप के मार्केट में लॉन्च की जाएगी. डॉ. रेड्डीज ने उन सभी देशों में रिलेवेंट रेग्यूलेट्री एप्लेकेशन लगा चुकी है, जहां पर वो जेनेरिक वैरिएंट लॉन्च करने की योजना बना रही है. भारत की बात की जाए तो यहां मार्च 2026 में सेमाग्लूटाइड का पेटेंट समाप्त हो जाएगा और कंपनी इसके बाद ही दवा लॉन्च करेगी.
जेनेरिक दवा से क्या फायदा हो सकता?
जेनेरिक दवाओं की कीमत कम होती है इसलिए कहा जा सकता है कि जहां वेगोवी के लिए अभी आपको हजारों-लाखों रुपये खर्च करने होते हैं लेकिन हो सकता है जेनेरिक वेट लॉस ड्रग लॉन्च होने के बाद आपको इतना खर्च करने की जरूरत न हो.
जेनेरिक दवाएं क्या होती हैं?
जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं का सस्ता वर्जन होती हैं. जेनेरिक दवाओं में भी ब्रांडेड दवाओं की तरह ही एक्टिव इंग्रेडिएंट्स, डोज और स्ट्रेंथ होती है. हालांकि जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं के कलर और पैकेजिंग में अंतर देखने मिल सकता है. लेकिन ये पूरी तरह इफेक्टिव होती हैं. डॉक्टर और एफडीए जैसी संस्थाएं जेनेरिक दवाओं को बड़े पैमाने पर सुरक्षित और प्रभावी मानती हैं क्योंकि उनकी खुराक, गुणवत्ता और प्रभावशीलता ब्रांडेड दवाओं के समान ही होते हैं.