क्या आपको लगता है कि रोज 7-8 घंटे की नींद लेना ही हेल्दी रहने के लिए काफी है? अगर हां, तो यह खबर आपको हैरान कर सकती है. एक नई रिसर्च में पता चला है कि सिर्फ नींद की मात्रा नहीं, बल्कि रोज किस समय सोते हैं, यह भी आपकी दिल की सेहत पर बड़ा असर डालता है. अगर आप हर दिन अलग-अलग समय पर सोते हैं तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 26% तक ज्यादा हो सकता है. यानी बात सिर्फ इतनी नहीं है कि आप कितनी देर सोते हैं, बल्कि यह भी जरूरी है कि आप हर दिन तय समय पर सोएं.
रिसर्च में क्या निकला?
एक नई रिसर्च जो 'जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ' में में छपी है के अनुसार, अगर आप हर दिन अलग-अलग समय पर सोते हैं तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 26% तक बढ़ जाता है, चाहे आप 7-8 घंटे की नींद ही क्यों न ले रहे हों. इस रिसर्च में 40 से 79 साल की उम्र के 72,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से किसी को पहले से कोई हार्ट प्रॉब्लम नहीं थी. इन सभी लोगों ने एक हफ्ते तक एक्टिविटी ट्रैकर पहनाया गया और उनकी नींद के समय और पैटर्न पर नजर रखी गई. इस डाटा के आधार पर साइंटिस्टों ने हर व्यक्ति का स्लीप रेग्युलैरिटी इंडेक्स (SRI)निकाला. यह स्कोर 0 से 100 के बीच होता है, जिसमें ज्यादा स्कोर का मतलब है कि आप हर दिन एक ही समय पर सोते-जागते हैं यानी आपके सोने का रूटीन फिक्स है.
रिसर्च के नतीजे काफी चौंकाने वाले थे. जिन लोगों का SRI स्कोर 72 से कम था (यानी वो किसी फिक्स टाइम पर नहीं सोते थे) उन्हें हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बड़ी समस्या होने का खतरा 26% ज्यादा था. वहीं, जिनका स्कोर 87 या उससे ज्यादा था उनमें इसका जोखिम काफी कम था. रिसर्च के अनुसार, 'जिन लोगों का सोने का कोई फिक्स टाइम नहीं है उनका बॉडी क्लॉक बिगड़ जाता है. इससे शरीर में सूजन बढ़ती है, ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.'
स्लीप शेड्यूल क्यों मैटर करता है?
बॉडी क्लॉक जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं हमारे सोने-जागने के समय, हार्मोन लेवल, ब्लड प्रेशर और डाइजेशन जैसी चीजों को कंट्रोट करती है. जब आप हर दिन अलग समय पर सोते हैं तो बॉडी क्लॉक गड़बड़ा जाती है. इससे शरीर में सूजन बढ़ती है, ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. अगर आप हर दिन फिक्स टाइम पर सोते हैं तो बॉडी का बैलेंस बना रहता है और दिल से जुड़े बीमारियों का खतरा कम होता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नींद का समय भी उतना ही जरूरी है जितना कि सही खानपान और एक्सरसाइज. मतलब, कितनी नींद लेते हैं ये तो मायने रखता ही है साथ ही इसके साथ ये भी मायने रखता है कि आप कब सोते हैं.