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मानसिक समस्याओं के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू होगा, जानें कैसे करेगा ये काम

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान सभी उम्र के लोगों को मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी है. इसे देखते हुए सरकार एक नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू करने जा रही है. इसके लिए देशभर में 23 मेंटल हेल्थ सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे.

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बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम का ऐलान किया (Photo- ANI/Twitter)
बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम का ऐलान किया (Photo- ANI/Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम होगा शुरू
  • वित्त मंत्री ने किया ऐलान
  • लोग कर रहे इस कदम का स्वागत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया. इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी कई अहम घोषणाएं हुईं. कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मानसिक सेहत पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ा है. इसी को देखते हुए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि मानसिक समस्याओं के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम (National Tele Mental Health Progamme) शुरू किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी ने सभी उम्र के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला है. इसे देखते हुए सरकार देशभर में 23 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों को स्थापित करेगी.

अपने बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, 'महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है. गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए, एक नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा.'

'इसके लिए 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर्स का एक नेटवर्क बनाया जाएगा जिसमें NIMHANS (National Institute of Mental Health and Neurosciences) नोडल केंद्र होंगे और IIIT बेंगलुरु टेक्नोलॉजी सहायता प्रदान करेगा.'

आखिर क्या है टेलीमेंटल हेल्थ?

मानसिक बीमारियों की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूरसंचार या वीडियोकांफ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग करना ही टेलीमेंटल हेल्थ है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक,  इसे कभी-कभी टेलीसाइकियाट्री या टेलीसाइकोलॉजी के रूप में जाना जाता है.

कई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कई तरह के मानसिक रोगियों के लिए टेलीमेंटल हेल्थ काफी प्रभावी रहा है. कोविड महामारी के कारण इसकी जरूरत और अधिक बढ़ गई है.

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क्या हैं टेलीमेंटल हेल्थ सेवा के फायदे?

अपेक्षाकृत सुविधाजनक- इसके तहत मरीज को इलाज के लिए घर से यात्रा कर कहीं जाना नहीं होता और समय की बचत होती है. मरीज अपने हिसाब से अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं.

दूर-दराज के इलाकों में भी पहुंचना आसान- दूर-दराज के इलाकों में मेंटल हेल्थ सुविधाओं की पहुंच बेहद कम है. इसके जरिए लोग उन क्षेत्रों में भी मानसिक स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे.

मरीजों की झिझक कम होगी- मानसिक सेहत को लेकर हमारे समाज में काफी कम जागरुकता है. लोग मानसिक रोगों के इलाज के लिए जल्दी बाहर नहीं निकलते. लेकिन तकनीक के जरिए अब घर बैठे वो मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं ले सकेंगे और उनकी हिचक भी कम होगी.

ये बातें टेलीमेंटल हेल्थ की राह में बन सकती हैं रोड़ा

- टेलीमेंटल हेल्थ के लिए मोबाइल फोन और नेटवर्क कनेक्टिविटी की जरूरत पड़ेगी. लेकिन आज भी भारत के कई इलाकों में सभी लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है और नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या है. ऐसे जगहों पर टेलीमेंटल हेल्थ का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा.

- ऑनलाइन अपनी समस्याओं को विशेषज्ञ से साझा करते वक्त मरीजों को इस बात का डर रहेगा कि जिस प्लेटफॉर्म का वो इस्तेमाल कर रहे हैं, कहीं वो उनके डाटा का गलत इस्तेमाल न करे.

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- सरकार ने इसका ऐलान तो कर दिया है लेकिन इसे लेकर किसी तरह का बीमा कवरेज होगा या नहीं, अभी तक ये स्पष्ट नहीं है.

टेलीमेंटल हेल्थ को लेकर क्या बोले लोग?

सोशल मीडिया पर लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर से आईएएस रहे शाह फैसल ने इस फैसले की सराहना करते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें वो लिखते हैं, 'बजट 2022 में घोषित सबसे परिवर्तनकारी कदमों में से एक राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है. मानसिक रोगों को लेकर भारत में जो स्टिगमा है, वो मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी बाधा रही है. लोग अब मदद मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे.'


आयुषी निमोडिया नाम की एक यूजर ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री ने मेंटल हेल्थ को समझा और इसके लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम लेकर आईं, इसके लिए उनका बहुत धन्यवाद.'

तन्मय नाम के एक यूजर ने लिखा, 'IIIT बेंगलुरू की तकनीक, NIMHANS के नेतृत्व में 23 केंद्रों के साथ राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम...पहली नजर में काफी शानदार विचार! इसके लिए अब, सख्त डेटा प्राइवेसी मानकों को लागू करें. हम नहीं चाहते कि लोगों के डेटा का गलत इस्तेमाल हो, जैसा कि होता है. 

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