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फैक्ट चेक: मोदी के फोटो की खातिर जमीन पर लेट गया फोटोग्राफर? ना, फोटो फर्जी है

सोशल मीडिया में एक फोटो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि गांधी स्मृति में जमीन पर लेटकर फोटोग्राफर ने पीएम मोदी की तस्वीर खींची है. आजतक की फैक्ट चेक टीम ने जब इस वायरल फोटो के बारे में पड़ताल की तो सच कुछ और ही निकला...

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
गांधी स्मृति में जमीन पर लेटकर फोटोग्राफर ने पीएम मोदी की तस्वीर खींची.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये फोटो एडिटेड है. असली फोटो 2021 की है जिसमें सिर्फ पीएम मोदी मौजूद हैं. फोटोग्राफर वाला पार्ट एडिटिंग की मदद से जोड़ा गया है.

इस साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बापू को श्रद्धांजलि देने दिल्ली के गांधी स्मृति में हुई एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए. उस कार्यक्रम के बाद अब पीएम मोदी की एक कथित तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. इस फोटो में पीएम को हाथ जोड़ कर खड़े देखा जा सकता है.  लेकिन तस्वीर को लेकर चर्चा का कारण मोदी नहीं, फोटो में दिख रहा एक फोटोग्राफर है. वो बड़े ही अजीब एंगल से प्रधानमंत्री के पास जमीन पर लेटकर उनकी फोटो खींचता हुआ दिख रहा है.

सोशल मीडिया पर इस फोटो को शेयर कर एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, " वह व्यक्ति जो दिन में 18-20 घंटे और साल में 365 दिन काम करता है. मोदी का फोटोग्राफर".

अमेरिका

एक और यूजर ने लिखा, "कोई पुरस्कार बचा हो तो इस फोटोग्राफर को मिलाना चाहिए. Camerajeevi". पत्रकार रवि नायर ने भी फोटो को ट्वीट किया और कहा कि उनके पास इसके बारे में कहने को कोई शब्द नहीं हैं. ऐ

से कुछ और पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां, यहां, और यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो एडिटेड है. असली फोटो में सिर्फ पीएम मोदी मौजूद हैं, इसमें फोटोग्राफर को कहीं और से उठाकर अलग से जोड़ा गया है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

इस साल पीएम मोदी ने बापू को गांधी स्मृति जाकर श्रद्धांजलि दी थी. ये वो जगह है जहां पर बापू को गोली मारी गई थी. लेकिन इस दिन पीएम मोदी ने मास्क नहीं  लगाया था. उस दिन उन्होंने जो कपड़े पहने थे वो भी वायरल फोटो से अगल हैं. इससे इतना पता चल जाता है कि ये फोटो इस साल की नहीं है.  

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वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें 'सियासत' की एक रिपोर्ट मिली. ये रिपोर्ट पिछले साल गांधी जयंती की है.

इसमें हमें वायरल तस्वीर से काफी मिलती-जुलती एक और फोटो मिली, लेकिन इसमें जमीन पर लेटा हुआ फोटोग्राफर मौजूद नहीं है.

अमेरिका

रिपोर्ट में इस फोटो के नीचे लिखे कैप्शन में 'पीटीआई' को क्रेडिट दिया गया है. इस जानकारी की मदद से हमनें पीटीआई न्यूज की वेबसाइट पर इस फोटो को उनके आर्काइव ( http://archive.ptinews.com//fotoweb.aspx ) में खोजा, और वहां भी तस्वीर में मोदी के साथ जमीन पर लेटा हुआ फोटोग्राफर नहीं दिखता जबकि मोदी के कपड़े ठीक वही हैं.

अमेरिका

मोदी ने खुद 2 अक्टूबर, 2021 को ये फोटो अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर की थी. ट्वीट में इस कार्यक्रम की कुछ और भी तस्वीरें मौजूद हैं, और इनमें वो फोटोग्राफर नहीं दिखता.

वायरल तस्वीर में लेटा हुआ फोटोग्राफर आया कहां से?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें जमीन पर लेटे हुए फोटोग्राफर की एक फोटो 'एलमी' वेबसाइट पर मिली. दरअसल इसी फोटो को पलट करके पीएम मोदी की तस्वीर में जोड़ा गया है.

अमेरिका

'एलमी' पर इस फोटो के नीचे बताया गया है कि ये तस्वीर 15 मार्च, 2017 की है. इसमें दिख रहा फोटोग्राफर जमीन पर लेट कर किसी बड़ी सी इमारत की तस्वीर ले रहा था. इस फोटो को 'Ingemar Magnusson' नाम के व्यक्ति ने शेयर किया है. जाहिर है, एक फर्जी फोटो के जरिये  पीएम मोदी पर निशाना साधा जा रहा है.  

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 (रिपोर्ट: संजना सक्सेना)

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