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फैक्ट चेकः राहुल गांधी की इस अजीब मुलाकात को लेकर किया जा रहा दावा गलत

क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इतना भी शिष्टाचार मालूम नहीं कि संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों से किस तरह से मुलाकात की जाए? आजकल सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो गई है, जानते हैं कि इस तस्वीर की क्या सच्चाई है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
राहुल गांधी उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू से अशिष्ठ तरीके से मिले
फेसबुक यूजर प्रदीप तम्हंकर
सच्चाई
छह साल पुरानी तस्वीर वैंकैया नायडू की नहीं, पी चिदांबरम की है

क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इतना भी शिष्टाचार मालूम नहीं कि संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों से किस तरह से मुलाकात की जाए?

चुनावी मौसम में नेताओं को नीचा दिखाने के लिए भ्रामक दावों की बाढ़ सी आई हुई है. फेसबुक पर कुछ लोग, एक तस्वीर के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बना रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से राहुल गांधी अशिष्ट तरीके से मिले. तस्वीर में भी ऐसा दिख रहा है कि राहुल गांधी सफेद धोती पहने हुए किसी वरिष्ठ नेता से कुछ अजीब तरीके से हाथ मिला रहे हैं जिनका चेहरा साफ नहीं दिख रहा है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है. राहुल गांधी जिस नेता से मुलाकात कर रहे हैं वो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम हैं.

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प्रदीप तम्हंकर नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर के साथ जो पोस्ट डाला है उसमें लिखा गया है कि "उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से शिष्टाचार मुलाकात के वक्त राहुल गांधी के अशिष्ठ व्यवहार को देखते हुए भी अगर कांग्रेसी ऐसे ही जाहिल को पीएम बनाने का सपना देखते हैं तो लानत है". खबर के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 450 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.

इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बहुत से लोग राहुल गांधी के प्रति नाराजगी जता रहे हैं, लेकिन ऐसे भी कुछ लोग हैं जिन्होंने कहा कि इस पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. हेमंत सीताराम नाम के एक व्यक्ति ने इस पोस्ट के जवाब में लिखा कि जिस व्यक्ति से राहुल गांधी मुलाकात कर रहे हैं वो नायडू नहीं बल्कि चिदंबरम हैं.

जब हमने इस फोटो को रिवर्स सर्च करके खोजा तो हमें इंडियाटाइम्स की वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली जो 6 दिसंबर 2013 यानी अब से छह साल पहले छपी थी. इंडियाटाइम्स की इस फोटो के विवरण के मुताबिक, यह तस्वीर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान 10 जनपथ पर पीटीआई के फोटोग्राफर द्वारा ली गई थी. फोटो को देखकर कोई इसलिए धोखा खा सकता है क्योंकि इसमें राहुल गांधी तो सामने से साफ देखे जा सकते हैं लेकिन पी चिदंबरम की फोटो पीछे से ली गई है इसीलिए उनका चेहरा साफ नहीं दिख रहा है.

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दक्षिण भारत से होने की वजह से पी चिदंबरम और वैंकैया नायडू दोनों ही अक्सर सफेद धोती और शर्ट पहनते हैं. दोनों की उम्र भी आस पास ही है. इसीलिए पीछे से देखने में किसी को भ्रम हो सकता है.

जिस समय की यह फोटो है उस वक्त वेंकैया नायडू देश के उपराष्ट्रपति नहीं, राज्यसभा में बीजेपी के सांसद थे. राहुल गांधी उस समय कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
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