किसी सड़क पर कुछ नौजवानों को बेरहमी से पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसे शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि कुछ इस तरीके से असम के अवैध बांग्लादेशियों को डंडे मारे गए है. इस वीडियो में एक सड़क पर अफरा-तफरी की स्थिति दिखाई देती है, जहां लोगों की भीड़ लगी हुई है और आस-पास कई सारे पुलिसकर्मी भी मौजूद है. वीडियो में कुछ लोग डंडों से कुछ युवकों को पीटते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो पर लिखा है, “आसाम में बांग्लादेशी का इलाज होना शुरू हो गया है और अब मैं यही कहूंगा सभी से जैसे बांग्लादेशी ने हमारे भाईयों के साथ किया है वैसे अब हमें बांग्लादेशीयो के साथ करना चाहिए जय भगवान परशुराम.”
इस वीडियो को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करते हुए कुछ यूजर्स ने कैप्शन में लिखा, “असम में बांग्लादेशियों का इलाज बहुत ही जबरदस्त तरीके से चालू है भाइयों। देख कर मजा आये तो लिखो कमेंट में जय जय श्री राम.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो असम का है, और न ही इस घटना के साथ बांग्लादेशियों का कोई लेना-देना है.
कैसे पता लगाई सच्चाई
वायरल वीडियो में हमें गुजराती भाषा में लिखा हुआ ‘पालनपुर मीडिया’ नाम के किसी चैनल का वॉटरमार्क दिखा. इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें ये वीडियो पालनपुर मीडिया नामक मीडिया आउटलेट के फेसबुक पेज पर मिला. यहां मौजूद वीडियो को देखकर पता लगता है कि इस पर गुजराती भाषा में लिखा है कि ये पालनपुर की घटना है, जबकि वायरल वीडियो में इस गुजराती टेक्स्ट के उपर हिंदी में बांग्लादेशियों की पिटाई वाली बात लिख दी गई है.
ये वीडियो बीते 27 दिसंबर को पोस्ट किया गया था. इसके साथ कैप्शन में लिखा है कि ये घटना गुजरात के बनासकांठा जिले का है. कैप्शन के मुताबिक, ये वीडियो पालनपुर शहर में भरतभाई हत्याकांड से जुड़ा हुआ है. और ये उस वक्त का है जब आरोपियों को पुलिस, इस आपराधिक घटना के रिक्रिएशन के लिए घटनास्थल लेकर पहुंची थी.
कीवर्ड के जरिए सर्च करने हमें इस बारे में ‘न्यूज 18’ की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 20 दिसंबर को पालनपुर अहमदाबाद हाइवे में भरत चौधरी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. जांच शुरू करते ही पुलिस ने इस हत्या के मुख्य आरोपी लालो मंडोरा समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया था.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, जब आरोपियों को हाइवे के किनारे मर्डर सीन के रिक्रिएशन के लिए लेकर आया गया, तब कुछ पुलिसवालों पर हत्या के आरोपियों को पीटने का आरोप लगा. इसके बाद एक आरोपी की पत्नी ने आरोपियों के साथ ज्यादती का आरोप लगाते हुए पिटाई करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.
27 दिसंबर को छपी ‘बॉम्बे समाचार’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि घटनास्थल में हत्या के आरोपियों को देख कर वहां मौजूद लोगों में काफी आक्रोश फैल गया था. हालांकि, पुलिस की सख्त कार्रवाई देखकर वहां मौजूद लोगों ने गुजरात पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए.
उसी दिन छपी ‘दैनिक भास्कर’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्य आरोपी लालो निमेश मंडोरा को राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार किया गया था. इसी के साथ रिकी नोएल रॉक्सब्रो, भरत भूराजी राजपूत, जगदीश परमार, गणपति ठाकोर, और अनिल शंकर बभारी नाम के पांच लोगों को भी इसी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कुल मिलाकर ये साफ हो जाता है कि गुजरात के इस वीडियो को एक मनगढ़ंत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है.