scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: इस वायरल पोस्ट का एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर से कोई लेना देना नहीं

क्या एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर  ने 2010 के कथित माछिल फर्जी एनकाउंटर केस को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी?  फेसबुक पेज I support Narendra Bhai Modi Bjp ने एक ट्वीट पोस्ट किया है जिसमें दावा किया गया है कि एक्ट्रेस ने घटना को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर ने ट्वीट कर कांग्रेस की निंदा की
फेसबुक पेज “I support Narendra Bhai Modi Bjp”
सच्चाई
ट्विटर हैंडल @Shradha_Kap मौजूद ही नहीं है, एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर ने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है.

क्या एक्ट्रेस ‘श्रद्धा कपूर’  ने 2010 के कथित माछिल फर्जी एनकाउंटर केस को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी?  फेसबुक पेज “I support Narendra Bhai Modi Bjp” ने एक ट्वीट पोस्ट किया है जिसमें दावा किया गया है कि एक्ट्रेस ने घटना को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम (AFWA) ने पाया कि ये फर्जी पोस्ट है क्योंकि इस फेसबुक पेज पोस्ट में जिस ट्विटर हैंडल का हवाला दिया गया है वो वजूद में ही नहीं है.

फेसबुक पोस्ट में राय जताने के साथ सेना की ओर से 2010 में किए गए कथित एनकाउंटर पर कांग्रेस की ओर से लिए गए फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं. फेसबुक यूजर्स को ऐसा ही लगा जैसे कि ट्विटर हैंडल @Shradha_Kap  बॉलिवुड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर का है. यही मानते हुए उन्होंने पोस्ट पर कमेंट भी किए. फर्जी ट्विटर अकाउंट पर एक्ट्रेस की असली तस्वीर का इस्तेमाल भी किया गया.

Advertisement

यह रिपोर्ट लिखे जाने तक पोस्ट को 3,100 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था. फेसबुक पेज “I support Narendra Bhai Modi Bjp” के करीब 15 लाख फॉलोअर्स हैं.

हमारी इंवेस्टीगेशन से सामने आया कि जून 2018 तक लोग ट्विटर हैंडल @Shradha_Kap को अपनी पोस्ट के साथ टैग कर रहे थे. लेकिन अब इस अकाउंट को ट्विटर इंडिया ने सस्पेंड कर दिया है.

एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर का आधिकारिक ट्विटर हैंडल @ShraddhaKapoor है और इस पर ब्लू टिक भी है जो इस अकाउंट के असल में श्रद्धा कपूर के होने की पुष्टि करता है. एक्ट्रेस के ट्वीट्स पर गौर करें तो उन्होंने बहुत कम मौकों पर ही राजनीति से जुड़ा कोई ट्वीट किया है.

हमने रिसर्च से पाया कि वायरल पोस्ट में जम्मू और कश्मीर में 2010 के जिस माछिल एनकाउंटर का जिक्र किया गया, उस घटना को लेकर कई अहम अख़बारों ने रिपोर्टिंग की. इस मामले में वर्ष 2013 में कर्नल रैंक के एक अधिकारी समेत छह सैनिकों का कोर्ट-मार्शल हुआ.

घटना को लेकर घाटी में विरोध प्रदर्शनों से हालात बिगड़े और कई लोगों की मौत हुई. हालांकि वर्ष 2017 में आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल ने सैनिकों की सजा को निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी थी. इससे जुड़ी इंडिया टुडे की रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement