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फैक्ट चेक: भारतीय फौज को निशाना बनाकर ब्रिटिश नेता ने साझा किया 9 साल पुराना वीडियो

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पाकिस्तान में जन्मे ब्रिटिश नेता नजीर अहमद ने भारत के खिलाफ कई ट्वीट कर तीखे हमले किए. इन्हीं में से एक ट्वीट में नजीर अहमद ने दावा किया कि कनाडा ने भारतीय फौज के जनरल और ब्रिगेडियरों को वीजा देने से मना कर दिया है. 

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कनाडा ने भारतीय अफसरों को इसलिए वीजा नहीं दिया, क्योंकि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया
कई फेसबुक यूजर और ब्रिटिश नेता नजीर अहमद
सच्चाई
ये मामला 2010 का है और भारत के विरोध दर्ज कराने के बाद कनाडा ने माफी मांगी थी

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पाकिस्तान में जन्मे ब्रिटिश नेता नजीर अहमद ने भारत के खिलाफ कई ट्वीट कर तीखे हमले किए. इन्हीं में से एक ट्वीट में नजीर अहमद ने दावा किया कि कनाडा ने भारतीय फौज के जनरल और ब्रिगेडियरों को वीजा देने से मना कर दिया है.  

दावा क्या है?

नजीर अहमद ने न्यूज चैनल हेडलाइंस टुडे (अब बदला हुआ नाम इंडिया टुडे) का एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा- 'कनाडा ने भारतीय फौज के जनरलों और ब्रिगेडियरों को वीजा देने से मना कर दिया, क्योंकि उन लोगों ने खुफिया अफसरों के तौर पर कश्मीर में काम किया है. धन्यवाद  @JustinTrudeau आपको साहसी फैसले के लिए'

ये ट्वीट अब तक खबर लिखे जाने तक 5000 से ज्यादा बार रिट्वीट हो चुका है. ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

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नजीर अहमद ने वीडियो के साथ एक और ट्वीट किया और लिखा, 'बदमाश भारतीय फौज का पर्दाफाश'. इस ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

इस ट्वीट को पाकिस्तानी की एक वेबसाइट Pakistan Today ने भी उठा लिया और इसके बाद कई फेसबुक यूजर्स ने भी इसे साझा किया.

सच्चाई क्या है?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम ने पाया कि ये वीडियो 9 साल पुराना है. नजीर अहमद ने जिस वीडियो का इस्तेमाल किया वो Headlines Today चैनल का था जिसका 2015 में नाम बदलकर इंडिया टुडे कर दिया गया.

इस वायरल वीडियो में भारतीय सेना के बेहद सम्मानित अफसर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमरिक बाहिया का जिक्र है. हमने जब सर्च किया तो पाया कि 2010 में कनाडा जाने के लिए उनके वीजा को लेकर दिक्कत हुई थी लेकिन ये बात 2010 की है The Times of India ने भी इस बारे में खबर छापी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, अमरिक बाहिया और कुछ और अफसरों को इसलिए वीजा नहीं दिया गया था, क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इसका विरोध किया था. इन संगठनों का आरोप था कि इन अफसरों ने कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है.

कई ट्वीटर यूजर्स ने नजीर अहमद को पुराने वीडियो की बात भी बताई. 2010 में भारत ने वीजा न दिए जाने पर कनाडा से सख्त विरोध दर्ज कराया जिसके बाद कनाडा ने खेद जताया था.  

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खबरों के मुताबिक, कनाडा के वीजा अफसरों ने एक नियम को गलत तरीके से समझ लिया जिसके मुताबिक उनके देश में युद्ध अपराध के जिम्मेदार लोगों को वीजा नहीं दिया जाता और उसी नियम की गलतफहमी के चलते उन्होंने भारतीय फौज और पुलिस के अफसरों को वीजा नहीं दिया. मजे की बात ये है कि 2010 में कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर थे. जस्टिन ट्रुडू ने 2015 में कनाडा की कमान संभाली थी.

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