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फैक्ट चेक: श्रीलंका धमाकों के बाद मुसलमानों के खिलाफ प्रदर्शन के वीडियो का सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका में आतंकी बम धमाकों के बाद हुई कार्रवाई के विरोध में मुसलमान लंदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस वायरल वीडियो में कितनी सच्चाई है...जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
श्रीलंकाई धमाकों के बाद हुई कार्रवाई के विरोध में मुसलमानों ने किया लंदन में प्रदर्शन
फेसबुक यूजर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और अरविंद शेनॉय समेत अन्य
सच्चाई
वायरल वीडियो का श्रीलंका धमाकों से कोई लेना देना नहीं है. ये वीडियो 2013 का है.

श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर संडे के दिन भयानक धमाके हुए थे, जिनमें 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. धमाकों के बाद से सोशल मीडिया में तमाम तरह के वायरल पोस्ट देखे जा सकते हैं. अब एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका में धमाके के बाद हुई कार्रवाई के विरोध में मुसलमान लंदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया. इस वायरल वीडियो का मौजूदा घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है और ये प्रदर्शन साल 2013 में हुए थे.

ट्विटर यूजर ‘मेजर सुब्रत मिश्रा एसएम’ ने सोमवार को एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा, ‘श्रीलंका में सिलसिलेवार धमाके करवाने वालों के खिलाफ वहां की सरकार द्वारा कार्रवाई के बाद लंदन में प्रदर्शन. इनके भाइयों ने श्रीलंका में 290 लोगों को मार डाला. क्या ये मजाक चल रहा है? क्या अब आतंकी भी पीड़ित कहलाएंगे?’ इस ट्वीट में 2 मिनट का वीडियो भी है, जिसमें मुसलमान श्रीलंका सरकार के खिलाफ तख्तियां लिए दिख रहे हैं.

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ट्विटर यूजर मिश्रा की प्रोफाइल के मुताबिक वो एक आर्मी अफसर हैं. सैकड़ों लोगों ने उनके इस पोस्ट को लाइक और शेयर किया है. ये पोस्ट फेसबुक और यूट्यूब पर भी देखा जा सकती है.  'Narendra Modi-Election 2019' ने यूट्यूब पर ये वीडियो 29 अप्रैल को पोस्ट किया गया है. फेसबुक यूजर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठअरविंद शेनॉय समेत कई और लोगों ने भी इसी वीडियो को पोस्ट किया है.

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यानडेक्स सर्च के जरिए जब हमने रिवर्स सर्च किया, तो हमें एक ब्लॉग मिला, जो 6 अप्रैल 2013 को लिखा गया था. जिसमें ऐसे ही तस्वीरें देखने को मिलीं.

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जब इस इंडोनेशियाई ब्लॉग का अनुवाद किया गया, तो हमें श्रीलंकाई सरकार के खिलाफ मुसलमानों के इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिली, जो अप्रैल 2013 में हुआ था.

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हमें इस बारे में कोलंबो टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट भी मिली जहां ये खबर छपी थी, जिसके मुताबिक 5 अप्रैल 2013 को लंदन में श्रीलंकाई हाईकमिशन के बाहर मुसलमान इक्ट्ठा हुए और श्रीलंकाई सरकार की ज्यादती के खिलाफ प्रदर्शन किया. हमें इस प्रदर्शन का एक बड़ा वीडियो भी मिला, जो मई 2013 में यूट्यूब पर डाला गया था, जिसके शुरू के दो मिनट हू-ब-हू हैं.

इस आधार पर ये कहा जा सकता है कि ये दावा पूरी तरह झूठा है और ये विरोध प्रदर्शन 6 साल पुराना है और इसका श्रीलंका में हुए धमाके से कोई लेना देना नहीं है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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