राम मंदिर भूमि पूजन से ठीक एक दिन पहले खबर फैल गई कि अयोध्या के जमीन विवाद पर फैसला सुनाने वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई को कोरोना संक्रमण हो गया है. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज वेबसाइट्स तक में इस तरह के दावों का दौर शुरू हुआ और वह अब तक जारी है.
पोस्ट
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने खुद बताया है कि उन्हें कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है.
यह दावा राजस्थान पत्रिका, हरिभूमि, वन इंडिया और टीवी9 भारतवर्ष जैसी कई न्यूज वेबसाइट्स पर किया गया. खबर लिखे जाने तक वन इंडिया और टीवी9 भारतवर्ष में छपी खबरों को डिलीट किया जा चुका था. वहीं राजस्थान पत्रिका में इसे एडिट कर दिया गया.
इन वेबसाइट्स की खबरों का आर्काइव्ड वर्जन यहां , यहां और यहां देखा जा सकता है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने भी ट्विटर पर ऐसा ही दावा किया. इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं. खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को तकरीबन 1700 लोग लाइक कर चुके थे.
फेसबुक से लेकर ट्विटर तक तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पूर्व चीफ चीफ जस्टिस के कोरोना पॉजिटिव होने की बात कही जा रही है.
दावे की पड़ताल
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मंगलवार, 4 अगस्त को इंडिया टुडे के सीनियर एसोसिएट एडिटर कौशिक डेका को बताया कि उनके कोरोना पॉजिटिव होने की बात बिल्कुल गलत है. ‘बार एंड बेंच’ वेबसाइट ने भी इस दावे को झूठा बताया है.
रंजन गोगोई अक्टूबर, 2018 से लेकर नवंबर, 2019 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे. 9 नवंबर, 2019 को उनकी अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने अयोध्या के भूमि विवाद पर फैसला सुनाया था.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह महामारी का वक्त है और कोरोना संक्रमण किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है. लेकिन 4 अगस्त, 2020 को दिए अपने बयान में पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने खुद को कोरोना संक्रमण होने से इनकार किया है.