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फैक्ट चेक: अयोध्या के राम मंदिर का नहीं, बंगाल के इस्कॉन मंदिर का है ये डिजाइन

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. इस बीच सोशल मीडिया पर सुनहरे गुंबद वाले एक भव्य मंदिर की फोटो खूब शेयर की जा रही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के डिजाइन की तस्वीर.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये पश्चिम बंगाल में बन रहे इस्कॉन संस्था के ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटोरियम’ का डिजाइन है.

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. इस बीच सोशल मीडिया पर सुनहरे गुंबद वाले एक भव्य मंदिर की फोटो खूब शेयर की जा रही है. इस मंदिर के सामने नीले पानी वाला मनोरम तालाब है. कहा जा रहा है कि अयोध्या में बनने जा रहा राम मंदिर ऐसा ही होगा.

mandir-2_072620065402.jpgवायरल तस्वीर

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है. वायरल तस्वीर इस्कॉन संस्था के एक मंदिर का डिजाइन है, जो कि पश्चिम बंगाल में बन रहा है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस फोटो में दो संदेश लिखे हैं. पहला, “अयोध्या में बनने वाले भव्य श्रीराम मंदिर की पुनरीक्षित सुन्दर डिजाइन. सभी राम भक्तों को अनेकानेक बधाइयां. जय श्रीराम.” दूसरा, “अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर कुछ ऐसा होगा. सभी हिन्दु भाई जरूर शेयर करें”.

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फोटो के साथ कैप्शन लिखा है, “श्रीराम मंदिर में 2100 किलो का घंटा लगेगा और इसकी ध्वनि से कब्र में सोये बाबर,औरंगजेब,वामपंथ की रूहें भी काँपेंगी.!! ‪जय-जय श्रीराम...”

दावे की पड़ताल

हमने इस फोटो को रिवर्स सर्च किया तो यह हमें इस्कॉनन्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट में मिली. इस रिपोर्ट में मायापुर, पश्चिम बंगाल में बन रहे ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटोरियम’ का जिक्र है. इस मंदिर की वेबसाइट में हमें इसके निर्माण से जुड़ी कई तस्वीरें भी मिलीं.

यह मंदिर पिछले 10 साल से बन रहा है और साल 2022 तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा. इस मंदिर से जुड़ी अहम मीडिया रिपोर्ट्स यहां और यहां देखी जा सकती हैं.

कैसा होगा अयोध्या का राम मंदिर

अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन मंजिलें होंगी. इस मंदिर का पहला डिजाइन साल 1985 और 1986 के बीच तैयार हुआ था. मंदिर की भव्यता बढ़ाने के लिए इसके डिजाइन में कुछ बदलाव किए गए हैं. राम मंदिर के आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा का इंटरव्यू कई वेबसाइट्स में छपा है, जिसमें उन्होंने मंदिर के डिजाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

राम मंदिर के प्रस्तावित डिजाइन का जो फोटो हाल में प्रकाशित मीडिया रिपोट्स में इस्तेमाल हुआ है, उसे नीचे देखा जा सकता है. यह फोटो वायरल हो रही फोटो से एकदम अलग है.

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mandir-3_072620065742.jpgराम मंदिर का प्रस्तावित डिजाइन

2100 किलो के घंटे की कहानी

सोशल मीडिया पोस्ट में कहा जा रहा है कि राम मंदिर में 2100 किलो वजन वाला एक घंटा भी लगाया जाएगा. हमें इंटरनेट पर पिछले साल की कुछ रिपोर्ट मिलीं, जिनमें राम मंदिर में लगाने के लिए बनाए जा रहे 2100 किलो के घंटे का जिक्र है. तकरीबन 10 लाख रुपये कीमत वाले इस घंटे को करीब 50 कारीगर मिलकर तैयार कर रहे थे. यह घंटा बनकर तैयार हो गया है या नहीं, इसके बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इससे पहले फैक्ट चेक वेबसाइट फैक्टली ने भी इस दावे की सच्चाई बताई थी.

कुल मिलाकर ये बात साफ है कि सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीर राम मंदिर की नहीं है. यह मायापुर, पश्चिम बंगाल में बन रहे ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटोरियम’ का डिजाइन है.

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