हाथ में खाने की थाली लिये उम्रदराज महिला और उसके बगल में पुलिस यूनिफॉर्म में खड़ी महिला कॉन्स्टेबल की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है.
क्या है दावा ?
इस वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इंस्पेक्टर की वर्दी में खड़ी महिला बूढ़ी औरत की पोती है और लोगों के घरों में बरतन धोकर उन्होंने अपनी पोती को आज इस काबिल बनाया.

सच्चाई क्या है ?
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा झूठा है. AFWA ने पाया कि तस्वीर के साथ ये पूरी कहानी गढ़ी गई है. महिला सिपाही और उसी बूढ़ी महिला के बीच कोई रिश्ता नहीं है. इसलिए इस बूढ़ी महिला की अपनी पोती की परवरिश की कहानी भी झूठी साबित होती है.
सोशल मीडिया पर इस कहानी को सच मानकर लोग इस बूढ़ी महिला की खूब तारीफ कर रहे हैं, रिवर्स सर्च के जरिए इस फोटो की सच्चाई सामने आ गई. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पुलिस की वर्दी में महिला मानवी हैं जो यूपी के संत कबीरनगर में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं. मानवी का नाम सुर्खियों में तब आया, जब उन्होंने एक परेशान, भूखी और कुपोषण की शिकार बूढ़ी महिला की मदद की थी. 5 महीने पुरानी इस घटना के वक्त यूपी पुलिस के डीजीपी ओ पी सिंह ने भी उनकी तारीफ की थी.
DGP OP Singh commended Const.Manvi,in an appreciation letter, for exemplifying highest human virtues of kindness along with her duty
She not only empathetically comforted an hassled old lady outside a bank,helped her with her work but also offered her food
Congratulations Manvi! pic.twitter.com/HCYC8Eufb6
— UP POLICE (@Uppolice) April 1, 2019
डीजीपी की चिट्ठी के मुताबिक मानवी एक बैंक में इस बूढ़ी महिला से मिली जो भूखी थी और काम ढूंढ रही थी. मानवी ने बैंक में उसका काम कराया और उसे खाना खिलाया. इंडिया टुडे टीम ने मानवी से इस बारे में संपर्क किया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.