एक लड़की को घेरकर उसका बुर्का खींचते हुए कुछ लोगों का विचलित कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. लड़की बेहद डरी हुई लग रही है और चीख रही है. लेकिन, उसे घेरकर खड़े लड़कों का दिल नहीं पसीजता और वो लगातार उसे परेशान करते रहते हैं. कुछ लोग अपने फोन से इस घटना का वीडियो भी बनाते दिख रहे हैं.
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ये घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की है और इसमें जो युवक, लड़की का बुर्का खींच रहा है, वो हिंदू है.
मिसाल के तौर पर, एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "मुजफ्फरनगर में हिंदू युवक ने मुस्लिम लड़की का बुर्का उतार दिया और चोटी खींची, कपड़े उतारने की भि कोशिश की. इस मामले में छे लोगो की गिरफ्तारी हुई है. लेकिन इनको लड़की को हाथ लगाने का अधिकार किसने दिया."
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना है तो यूपी के मुजफ्फरनगर की, लेकिन इस मामले के सभी आरोपी मुस्लिम हैं.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो को रिवर्स सर्च करने पर हमें इससे संबंधित दैनिक भास्कर की रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो के कई स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल किया गया है. खबर के मुताबिक, इस मामले में अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके नाम सरताज, शादाब, उमर, अर्श, शोएब और शमी हैं. इस घटना से संबंधित कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इस घटना के छह आरोपियों के यही नाम लिखे हैं. नाम से ही पता लग रहा है कि ये सभी मुस्लिम हैं.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ये घटना तब हुई जब एक फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट का काम करने वाली एक मुस्लिम युवती और एक हिंदू युवक, कलेक्शन करने के बाद बाइक से वापस लौट रहे थे. इस दौरान खालापार की दर्जी वाली गली में 8-10 युवकों ने उनकी बाइक रोक ली. उन्होंने पहले दोनों के नाम पूछे और फिर उन्हें खींचते हुए एक बैटरी की दुकान में ले गए. वहां उनके साथ मारपीट की गई और लड़की का बुर्का खींचा गया. शोर सुनकर आसपास के लोगों ने बीच-बचाव किया. बाद में पीड़िता ने थाने जाकर केस दर्ज कराया. 13 अप्रैल को इस घटना का वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की.
इस घटना को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने भी एक्स पर स्पष्टीकरण जारी किया है जिसे नीचे देखा जा सकता है.
इसके बाद हमने सर्कल ऑफिसर राजू कुमार साव से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि इस मामले का कोई भी आरोपी हिंदू नहीं है. अभी तक छह लोग गिरफ्तार हुुए हैं और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.
साफ है, यूपी के मुजफ्फरनगर की एक घटना को सांप्रदायिक एंगल के साथ पेश किया जा रहा है, जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.