scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: सात साल पुराना वीडियो उत्तराखंड में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए हालिया टकराव के दावे के साथ हो रहा वायरल

नौ फरवरी को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकारी नौकरियों की भर्तियों में हुई धांधली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. ऐसे में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि वो उत्तराखंड का हालिया वीडियो है. जबकि वायरल वीडियो पुराना है और गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो उत्तराखंड का है जहां हाल ही में पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं को पीटा.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये साल 2016 का दिल्ली का वीडियो है.

नौ फरवरी को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकारी नौकरियों की भर्तियों में हुई धांधली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. वहीं आक्रोशित छात्रों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया. घटना के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया.

घटना के बाद से कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिनमें पुलिस दौड़ा-दौड़ा कर अभ्यर्थियों को पीटती दिख रही है.

ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिसवालों के साथ कुछ सादे कपड़े पहने हुए लोग भी युवाओं को लात-घूसों और लाठियों से पीट रहे हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि ये उत्तराखंड का हालिया वीडियो है.  

वीडियो में आपाधापी का माहौल है और कुछ लड़कियों के चीखने की आवाजें भी आ रही हैं. एक फेसबुक यूजर ने इसे पोस्ट करते हुए लिखा, 'उत्तराखण्ड पुलिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ोओ अभियान को सफल बनाती हुई शर्म करो. #Uttrakhandpolice.'

सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा

ऐसी ही कुछ पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो साल 2016 में दिल्ली में हुई एक घटना का है. इस मामले में पुलिस ने कथित तौर पर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे कुछ युवाओं को पीटा था.

Advertisement

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसका एक स्क्रीनशॉट 'एनडीटीवी' की एक फरवरी, 2016 की एक रिपोर्ट में मिला.

रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जनवरी, 2016 को कुछ युवा, दिल्ली स्थित आरएसएस दफ्तर के पास रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच कुछ पुलिसवालों और कुछ सादे कपड़े वाले लोगों ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी. उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को जोरशोर से उठाया था और कहा था कि दिल्ली की पुलिस, बीजेपी और आरएसएस की निजी सेना की तरह काम कर रही है. साथ ही, उन्होंने दिल्ली में छात्रों पर हुए कथित हमले की निंदा भी की थी.

इस जानकारी की मदद से कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो न्यूज 18 की एक फरवरी, 2016 की एक रिपोर्ट में मिला. वायरल वीडियो वाला हिस्सा इसमें तकरीबन 15 सेकंड पर देखा जा सकता है.

 
 
'आजतक' और 'एबीपी न्यूज' ने भी उस वक्त इस वीडियो को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था.

क्या हैं उत्तराखंड के छात्रों की मांगें?  

उत्तराखंड की सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में हुई कथित धांधली को लेकर वहां के छात्रों में काफी समय से रोष है. उनकी कई मांगें हैं जिनमें से प्रमुख हैं- धांधली की जांच सीबीआई को सौंपी जाए, तत्काल नकल विरोधी कानून बनाया जाए और लेखपाल भर्ती में शामिल नकलचियों की सूची सार्वजनिक करने के बाद ही दोबारा परीक्षा कराई जाए.

Advertisement

उत्तराखंड में लागू हुआ सख्त नकल विरोधी कानून

उत्तराखंड में नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए नया नकल विरोधी कानून लागू हो गया है. इसके तहत पकड़े जाने वाले नकल माफिया को 10 साल की जेल की सजा के साथ ही उस पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है. इसके अलावा
इसमें नकल माफिया की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम है.

राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बताया है.

कुल मिलाकर बात साफ है, सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड में हुई हालिया हिंसा के मामले से जोड़ा जा रहा है.

(इनपुट: आशीष कुमार)

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement