इन दिनों समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनकी चुनावी रैलियों में योगी आदित्यनाथ की तरह भगवा रंग के कपड़े पहने एक व्यक्ति दिखाई देता है. सोशल मीडिया पर इस व्यक्ति की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि यह कोई और नहीं बल्कि योगी के भाई असितनाथ बिष्ट हैं और महांगठबंधन का समर्थन कर रहे हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA)ने जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है. तस्वीर में नजर आ रहा व्यक्ति योगी आदित्यनाथ का भाई नहीं है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें.
फेसबुक पर यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है और कैप्शन में लिखा जा रहा है: 'अब योगी के भाई असितनाथ बिष्ट का महागठबंधन को समर्थन. बोले मुझे गर्व है कि मैं अखिलेश जी का चुनाव प्रचार कर रहा हूं.'
अखिलेश यादव ने 4 मई को तस्वीरें ट्वीट की थीं, जिनमें वे इस व्यक्ति के साथ चलते हुए नजर आ रहे थे. ट्वीट में लिखा था: 'हम नकली भगवान नहीं ला सकते पर एक बाबा जी लाए हैं. ये हमारे साथ गोरखपुर छोड़ प्रदेश में सबको सरकार की सच्चाई बता रहे हैं.'
हम नक़ली भगवान नहीं ला सकते पर एक बाबा जी लाए हैं। ये हमारे साथ गोरखपुर छोड़ प्रदेश में सबको सरकार की सच्चाई बता रहे हैं। pic.twitter.com/GxlS0LYb6z
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 4, 2019
वहीं इससे पहले शुक्रवार 3 मई को अखिलेश ने बाराबांकी में भाषण के दौरान इस व्यक्ति को 'योद्धा' कहकर जनता से रूबरू करवाया था. भाषण में अखिलेश लोगों से पूछ रहे थे कि क्या वे इस व्यक्ति को पहचान पा रहे हैं?
AFWA ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर योगी आदित्यनाथ के भाई की नहीं है. तस्वीर में नजर आ रहा व्यक्ति सुरेश ठाकुर योद्धा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुरेश ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के लिए मौलिक अधिकार पार्टी के टिकट पर लखनऊ से नामांकन दाखिल किया था. हालांकि उनका नामांकन रद्द होने के बाद सुरेश समाजवादी पार्टी के समर्थन में आ गए.
कुछ दिनों पहले एक चायवाले की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी और उसे योगी आदित्यनाथ का भाई बताया जा रहा था. तब इंडिया टुडे ने योगी की बहन शशि सिंह से संपर्क किया था, जिन्होंने बताया था कि योगी की तीन बहनें और तीन भाई हैं— महेंद्र मोहन बिष्ट, मनेंद्र मोहन बिष्ट और शैलेंद्र मोहन.
योगी के भाइयों में से अगर किसी ने भी महागठबंधन का समर्थन किया होता तो यह अहम खबर होती, लेकिन हमें ऐसी कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि योगी आदित्यनाथ के हमशक्ल के अखिलेश के साथ घूमने को लेकर कई मीडिया संस्थानों ने खबरें जरूर प्रकाशित की हैं.