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फैक्ट चेक: नूपुर शर्मा की विदेशी समर्थक नहीं, ये हिजाब बैन को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने वाली एक महिला है

इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये फोटो एडिट की हुई है. असली फोटो मार्च की है जब दिल्ली के शाहीनबाग में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे थे. इसमें लड़की के प्लेकार्ड पर हिजाब से जुड़ा स्लोगन लिखा है, न कि नूपुर शर्मा से संबंधित.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
फोटो में देखा जा सकता है कि कैसे विदेशी मुस्लिम महिलाएं नूपुर शर्मा के समर्थन में प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन कर रही हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये फोटो फर्जी है. असली फोटो मार्च की है जब दिल्ली के शाहीनबाग में हिजाब के समर्थन को लेकर महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही थीं.

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए 10 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. नूपुर की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उनकी जान को पहले से ही खतरा था, सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद ये खतरा और भी बढ़ गया है. 

नूपुर को कोर्ट से राहत मिलने की खबर आने के साथ ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वाले संदेशों का तांता लग गया. इसी बीच प्लेकार्ड के साथ विरोध प्रदर्शन करती एक हिजाब पहने हुए लड़की की तस्वीर वायरल हो गई है. प्लेकार्ड पर लिखा है, 'कोर्ट/मदरसा/मौलवी बताएं आखिर 'आयशा' की शादी किस उम्र में हुई? मुझे नूपुर शर्मा को गलत साबित करना है.' लड़की के पीछे कुछ दूसरे लोग भी नजर आ रहे हैं.


ऐसा कहा जा रहा है कि ये लड़की उन विदेशी मुस्लिम महिलाओं में से एक है जो नूपुर के समर्थन में प्रदर्शन कर रही हैं. 

एक फेसबुक यूजर ने इसे पोस्ट करते हुए लिखा, 'विदेशों में मुस्लिम माताएं, बहनें आई नूपुर शर्मा के समर्थन में.' 

नूपुर शर्मा

 

इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये फोटो एडिट की हुई है. असली फोटो मार्च की है जब दिल्ली के शाहीनबाग में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे थे. इसमें लड़की के प्लेकार्ड पर हिजाब से जुड़ा स्लोगन लिखा है, न कि नूपुर शर्मा से संबंधित.  

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 'अल जजीरा' की 15 मार्च, 2022 की एक रिपोर्ट में मिली. यहां फोटो के कैप्शन में लिखा है, 'दिल्ली के शाहीनबाग में प्लेकार्ड लेकर कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पर पाबंदी का विरोध करती मुस्लिम महिला.' फोटो का क्रेडिट 'रॉयटर्स' की फोटोग्राफर अनुश्री फडनवीस को दिया गया है.

असली फोटो में लड़की के प्लेकार्ड पर लिखा है, 'हिजाब हमारा अधिकार है'. साफ पता लग रहा है कि इस फोटो को एडिट करके इसमें से हिजाब की बात हटाकर नूपुर शर्मा वाला स्लोगन जोड़ दिया गया है.

 

नूपुर शर्मा

 

यही फोटो हमें 'डॉन' और 'द ट्रिब्यून' की रिपोर्ट्स में भी मिली. यहां भी इसे शाहीनबाग में हिजाब के समर्थन में हुआ प्रदर्शन ही बताया गया है.

डिजिटल टूल भी इसे बता रहे नकली

हमने दो अलग-अलग ऑनलाइन टूल्स की मदद से इस फोटो की जांच की. 'फोटो फोरेंसिक्स' और 'फोरेंसिकली' नाम के ये टूल्स फर्जी फोटो के एडिट किए हुए हिस्से को अलग से उभरा हुआ दिखाते हैं. इसके लिए ये 'एरर लेवेल एनालिसिस' नाम की एक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. 

नूपुर शर्मा

साफ है, एक नकली फोटो को विदेशी मुस्लिम महिलाओं का नूपुर शर्मा के समर्थन में प्रदर्शन बता कर पेश किया जा रहा है. 

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