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फैक्ट चेक: जयपुर में मस्जिद पर पथराव का पुराना वीडियो, गलत दावे के साथ हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में मुस्लिम टोपी पहने कुछ लोग एक धार्मिक स्थल पर पत्थर मारते नजर आ रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
फरीदाबाद में मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर मुस्लिम युवकों ने किया पथराव
सोशल मीडिया पर मौजूद लोग जैसे मनीष कुमार गुप्ता
सच्चाई
वायरल वीडियो चार साल पुराना और जयपुर का है. यहां मुस्लिम युवकों ने मस्जिद पर पथराव किया था.

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में मुस्लिम टोपी पहने कुछ लोग एक धार्मिक स्थल पर पत्थर मारते नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि फरीदाबाद के अटाली गांव में मुस्लिम युवकों ने मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर पथराव किया.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो करीब चार साल पुराना है. वीडियो में नजर आ रहा धार्मिक स्थल मंदिर नहीं बल्कि जयपुर के सांगानेर में स्थित जामा मस्जिद है.

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक और ट्विटर पर इस वीडियो को तेजी से शेयर किया जा रहा है. वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, 'कल शाम को अटाली गांव फरीदाबाद में शांतिप्रिय मुस्लिम लोगो द्वारा मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओ पर पथराव. एक जागरूक महिला ने वीडियो बनाया जो की पूरे हिंदुस्तान में फेल चूका है. किसी न्यूज चैनल पे ये नहीं दिखाया जाएगा.'

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वायरल वीडियो की पड़ताल करने के लिए जब हमने इसके कमेंट्स सेक्शन पर ध्यान दिया तो पाया कि एक यूजर ने इसे जयपुर का वीडियो बताया हुआ था. इसी दिशा में अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल मैप्स के जरिए जयपुर में मौजूद मस्जिदों की खोज शुरू की. हमारी खोज जयपुर के सांगानेर की कागजी कॉलोनी में स्थित जामा मस्जिद पर जा कर पूरी हुई. इस मस्जिद का मुख्य द्वार वायरल वीडियो में नजर आ रहे दरवाजे से हूबहू मेल खाता है.

गूगल मैप्स पर उपलब्ध जामा मस्जिद की तस्वीर

गूगल मैप्स पर उपलब्ध जामा मस्जिद के फोन नंबर पर हमने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह नंबर वैध नहीं था. इसके बाद हमने जस्ट डायल की मदद से मस्जिद के आस-पास रहने वाले लोगों की खोज शुरू की, तो हमें इरशाद अली का नंबर मिला. इरशाद मस्जिद के पास ही रहते हैं और हैंडमेड पेपर का बिजनेस करते हैं.

इरशाद ने हमें बताया कि यह वीडियो करीब चार साल पुराना है. उस समय वहां जमाती और सुन्नी तबकों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था, जिसके बाद इनमें से एक पक्ष के लोगों ने मस्जिद पर पथराव कर दिया था. यह मोहल्ले का आपसी झगड़ा था जिसे बाद में सुलझा लिया गया था.

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पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि वायरल वीडियो फरीदाबाद का नहीं, बल्कि जयपुर का है और यहां मुस्लिम युवकों ने मंदिर पर नहीं बल्कि मस्जिद पर पथराव किया था.

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