सोशल मीडिया पर कई लोगों को उस समय झटका लगा, जब रविवार को एक समाचार वेबसाइट ने दावा किया कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है.
यह आर्टिकल “News NT ” नाम की वेबसाइट पर छपा है, जिसमें दावा किया गया है कि एलीसा ग्रेनेटो नाम के वैज्ञानिक की कोरोना वायरस की “वैक्सीन देने के दो दिन बाद मौत हो गई”.
इस लेख में दावा किया गया है कि “वैक्सीन के उल्टा रिएक्शन करने की वजह से चार और स्वयंसेवकों की हालत खराब है.” वेबसाइट के इस आर्टिकल का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा आर्टिकल अफवाह है. एलीसा ग्रेनेटो, जिन्हें ह्यूमन ट्रायल के लिए पहली कोरोना वायरस वैक्सीन दी गई थी, वे एकदम से स्वस्थ हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
हूबहू यही कहानी एक अन्य वेबसाइट “The Nigerian News ” ने भी छापा है. फेसबुक पर तमाम लोगों ने इस गलत सूचना को शेयर किया है.

ट्विटर यूजर “Simon Jaysek ” ने “News NT” का आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा, “कोरोना वायरस की वैक्सीन ट्रायल के लिए पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है”.
इसके जवाब में ट्विटर हैंडल “@surrey13” ने लिखा कि यह खबर गलत है. यूजर ने दावा किया कि एलीसा ग्रेनेटो ने अपने ट्विटर हैंडल @Prokaryota पर इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि वे स्वस्थ हैं. हालांकि ग्रेनेटो का ट्विटर हैंडल प्रोटेक्टेड है, इसलिए उनकी पोस्ट वही लोग देख सकते हैं, जिन्हें उन्होंने अप्रूव किया हो.
ट्विटर हैंडल “@surrey13” के मुताबिक, ग्रेनेटो ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है, “मेरी मौत पर एक फर्जी आर्टिकल घूम रहा है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है... मैं एकदम ठीक हूं. कृपया इस लेख को शेयर न करें. हम उन्हें महत्व नहीं देना चाहते. इससे बेहतर है कोई अच्छा काम करें.”
First volunteer in UK coronavirus vaccine trial has died https://t.co/oxzdELbund
— Simon Jaysek (@SimonJaysek) April 26, 2020
कोरोना वायरस वैक्सीन का मनुष्य पर पहला परीक्षण 23 अप्रैल को दो व्यक्तियों पर किया गया था. ग्रेनेटो उनमें से एक हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया, “मैं एक वैज्ञानिक हूं, इसलिए जहां तक संभव हो, मैं वैज्ञानिक प्रक्रिया में मदद करना चाहती थी.”
हमने पाया कि ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने भी इस गलत खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया है कि “सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि ब्रिटेन के कोरोना वायरस वैक्सीन परीक्षण में पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है, यह पूरी तरह से झूठ है.”
News circulating on social media that the first volunteer in a UK #coronavirus vaccine trial has died is completely untrue.
Before sharing unsubstantiated claims online, use the SHARE checklist to help stop the spread of harmful content:
▶️ https://t.co/9rAFQES8Xm pic.twitter.com/HgG4cHnLFQ
— Department of Health and Social Care (@DHSCgovuk) April 26, 2020
अंग्रेजी अखबार “Mirror ” ने भी इस खबर का खंडन करते हुए लिखा है कि ग्रेनेटो जिंदा हैं और स्वस्थ हैं.
AFWA ने पाया कि यह गलत सूचना पहली बार 25 अप्रैल को “investorshub ” के जरिये फैली, जो कि प्रेस रिलीज प्रकाशित करने वाली एक वेबसाइट है. बाद में यह खबर “News NT” ने छापी और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सच मानकर शेयर करना शुरू कर दिया.