
दिल्ली में विधानसभा चुनाव साल 2025 में होने हैं लेकिन सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद के लिए अभी से एक नए उम्मीदवार का नाम वायरल हो रहा है. ये नाम है ‘निर्भया केस’ की वकील रहीं सीमा कुशवाह का.
कुछ लोग कह रहे हैं कि बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी की सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के तौर पर सीमा कुशवाह के नाम का ऐलान कर दिया है.
एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “बीएसपी द्वारा सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता सीमासमृद्धि कुशवाहा जी को, 'बहुजन समाज पार्टी' दिल्ली प्रदेश का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर सुश्री बहन कुमारी मायावती जी का बहुत बहुत आभार.”

‘ट्विटर पर भी सीमा कुशवाह को बीएसपी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनाए जाने के पोस्ट वायरल हैं. ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि सीमा कुशवाह को इसी साल दिल्ली बीएसपी का इंचार्ज जरूर बनाया गया था लेकिन उन्हें दिल्ली में बसपा का सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की बात गलत है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में हुए थे जिसमें आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था. इसके बाद अगले चुनाव 2025 में होने की संभावना है. लिहाजा, इससे करीब तीन साल पहले ही बसपा की ओर से सीएम कैंडिडेट के नाम का ऐलान किए जाने की बात थोड़ी अटपटी लगती है. हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें इस तरह के किसी ऐलान का जिक्र हो. जब हमने बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर और बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद से संपर्क किया तो उन्होंने इस खबर को बेबुनियाद बताया.
हमने सीमा कुशवाह से भी बात की. उन्होंने भी इस खबर को पूरी तरह गलत बताया. उनका कहना था कि बीएसपी की ओर से उन्हें दिल्ली की इंचार्ज के तौर पर जो जिम्मेदारी मिली है उसे वो पूरा कर रही है. लेकिन उन्हें सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है.
कौन हैं सीमा कुशवाह?
एडवोकेट सीमा कुशवाह उस वक्त चर्चा में आईं थीं जब उन्होंने दिल्ली में हुए निर्भया बलात्कार कांड के गुनाहगारों के खिलाफ मुकदमा लड़ा था. साल 2012 में हुए इस जघन्य बलात्कार और हत्या के मुकदमे के मुजरिमों को मार्च, 2020 में फांसी पर लटकाया गया था.
सीमा कुशवाह यूपी के हाथरस में साल 2020 में हुए एक दलित लड़की के बलात्कार और हत्या के मुकदमे में भी पीड़ित परिवार की ओर से पैरवी कर रही हैं.
उन्होंने इसी साल जनवरी मे बीएसपी जॉइन की थी और उन्हें बीएसपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. इसके बाद अप्रैल में उन्हें दिल्ली बीएसपी का इंचार्ज बनाया गया था.
हालांकि कई बार राजनीतिक पार्टियां अपने प्रदेश इंचार्ज को ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना देती हैं. लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव से करीब तीन साल पहले सीमा कुशवाह को बीएसपी की ओर से सीएम कैंडिडेट कहना अटकलबाजी ही होगी.
बसपा ने साल 1993 मे पहली बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था. साल 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा को 14.05 फीसदी वोट और दो सीटें हासिल हुई थीं. लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उदय के बाद बसपा का प्रदर्शन गिरता चला गया और 2020 के विधानसभा चुनाव में बसपा को एक फीसदी से भी कम वोट हासिल हुए.