Agenda AajTak 2024: दिल्ली के होटल ले मेरेडियन में शुक्रवार को एजेंडा आजतक के मंच पर युवा बिहारी कहे जाने वाले बिहार के सांसद चिराग पासवान पहुंचे और खुद से जुड़ी कई रोचक और अनकही कहानियां सुनाई. साथ ही अपनी चुनौतियों और सफलताओं के बारे में भी बात की, जो उन्हें बिहार का गेम चेंजर बनाता है. सबसे मजेदार उस वाकये का जिक्र करना रहा, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें नरेंद्र मोदी का हनुमान कहा जाने लगा.
चिराग पासवान ने बताया कि नरेंद्र मोदी के हनुमान होने की बात 2020 के चुनाव में चर्चा में आई थी. उस वक्त मैं अकेले चुनाव लड़ रहा था. एडीए के साथ मेरा गठबंधन नहीं हो पाया था. इस वजह से मेरे साथ कंडीशन लगाई गई थी कि मैं मोदी जी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकता था. लेकिन तब भी मेरा समर्पण पीएम मोदी के साथ वैसा ही था. उस वक्त भी मैंने कहा था कि मुझे उनके तस्वीर की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो मेरे दिल में बसते हैं.
'जरूरत पड़ी तो दिल चीर कर दिखा दूंगा'
चिराग पासवान ने हंसते हुए बताया कि ऐसे में ही एक बार पूछे जाने पर मैंने कहा था कि जरूरत पड़ी तो दिल चीर कर दिखा दूंगा. नरेंद्र मोदी हमेशा मेरे दिल में रहते हैं. इसी तरह के बयानों के बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई कि चिराग नरेंद्र मोदी के हनुमान है.
प्रधानमंत्री के प्रति हमेशा रहेगा समर्पण...
चिराग पासवान ने खुलकर इस बात को रखा कि हां, मैं भी इससे इत्तेफाक रखता हूं. क्योंकि उनके प्रति मेरा भी समर्पण हमेशा ऐसा ही रहेगा. क्योंकि एक ऐसा व्यक्ति जो 2014 में प्रधानंत्री बनकर आता है और सबके साथ सब का विकास की बात करता है. बस मैं तभी से उनके इस सोच के साथ उनसे जुड़ गया.
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट
इसके अलावा चिराग ने खुद की राजनीतिक सफलता को लेकर बताया कि ईमानदार सोच के साथ आगे बढ़ रहा हूं. कोई सोची-समझी रणनीति इसके पीछे नहीं है. मेरी सोच बिहार को लेकर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को मैंने उस चुनाव में घर-घर तक पहुंचाया. इसका परिणाम मुझे 2024 में देखने को मिला.
हर क्षेत्र में आगे हैं बिहारी
उन्होंने कहा कि युवा बिहारी का कॉन्सेप्ट उन युवाओं को लेकर है, जो अलग-अलग कालखंड में बिहार से पलायन के लिए मजबूर हुए . ये वो समय था, जब लोगों को बिहार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. क्योंकि कोई आदमी खुशी से अपना गांव-घर छोड़कर नहीं गया. आज हमलोग दूसरे राज्यों में जितने बिहारियों को देखते हैं, हर क्षेत्र में बिहारी आपको मिलेंगे. मजदूर से लेकर सीईओ के पदों पर भी बिहार काबिज हैं. बिजनेस हाउसेज में बड़े पदों पर मिल जाएंगे.
चिराग पासवान ने कहा कि जब बिहारी इतना आगे है तो बिहार इतना पीछे क्यों. युवा बिहारी अपने प्रदेश में रहकर ही अच्छी शिक्षा पा सके. क्यों बच्चों को कोटा जाना पड़ता है. उस सोच को लेकर जब मैंने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट लेकर सामने आया और खुद को युवा बिहारी के रूप में पेश किया.