ट्रांसजेंडर्स की भी एक पहचान होती है. लेकिन अभी तक वो इसके लिए तरसते रहे. 26 साल की रितिका ने तीन साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और वो पहली भारत की ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर बनीं. शॉर्ट फिल्म के माध्यम से जानें कैसे ट्रांसजेंडर्स से नहीं पूछा जाएगा कि वो मेल हैं या फीमेल.