7 जुलाई 1896 को पहली बार मुंबई के वाटसन होटल में पहली बार एक विदेशी फिल्म दिखाई गई थी. तब नासिक के रंगकर्मी धुंडीराज गोविंद फालके ने भारत में फिल्म बनाने का सपना देखा था. ये सपना जुनून बन गया. फालके साहब बीवी के जेवर तक बेचकर फिल्म बनाने का हुनर सीखने ब्रिटेन रवाना हो गए. जब लौटे तो उन्होंने बनाई देश की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र.