कलर्स के सीरियल बैरिस्टर बाबू में अनिरुद्ध का किरदार निभाने वाले प्रविष्ट मिश्रा इन दिनों सीरियल में लेडी अवतार में नज़र आ रहे हैं. यह लेडी अवतार है रूपा का. असल में बोंदिता ठाकु मां के घर पर है जहां पर किसी भी आदमी का आना मना है. ऐसे में बोंदिता को बैरिस्टरी की परीक्षा की तैयारी कराने के लिए अनिरुद्ध ने रूपा का रूप धारण कर ठाकु मां के घर पर एंट्री की है. रूपा का रूप लेना प्रविष्ट मिश्रा के लिए इतना आसान नहीं था.
रूप के गेटअप में देख कैसा था सेट पर रिएक्शन?
सास बहू और बेटियां के लाइव सेशन में प्रविष्ट ने बताया कि जब वे पहली बार रूपा के गेटअप में बाहर आए तो सभी की नज़रें उन पर टिक गई थी. उन्होंने कहा, "सबकी नज़रें रुक गयी थी मुझपर. ऊपर से नीचे तक देखते रह गए थे मुझे. इसी गेटअप में जब मैंने अपने घर पर मम्मी को वीडियो कॉल किया तो वो पहली बार को पहचान ही नहीं पाईं. मम्मी बहुत अमेज़ थीं देखकर क्योंकि उन्होंने ऐसा सोचा नहीं था. बचपन में जब मेरे बाल लम्बे थे तो ऊपर एक चोटी बनाकर रखती थीं पर जब पहली बार उन्होंने देखा कि मैं सच में लड़की जैसा लग सकता हूं तो वो बहुत अचंभित थीं. जब बोंदिता ने मुझे देखा तो वो झूमझूमकर और पूरे सेट पर घूम घूमकर हंस रही थी. जैसे कभी-कभी जब साड़ी में मेरी कमर दिखती है तो वो आकर चुमटी काट लेती है और हंसते हुए कहती है कि आपकी कमर दिख रही है. अब आदत ही नहीं है छिपाने की तो जब वो ऐसा कहती है तो मुझे छिपाना पड़ता है."
लड़की बनना नहीं आसान- प्रविष्ट
लड़की बनना इतना आसान नहीं ये प्रविष्ट मिश्रा को तब पता चला जब उनको रूपा का किरदार निभाना पड़ा. उन्होंने बताया कि पहले वो हमेशा तैयार होने को लेकर सेट पर मौजूद फीमेल आर्टिस्ट को टोंट मारा करते थे, लेकिन जिस दिन वो रूपा बने उस दिन उन्होंने निश्चय कर लिया कि वो कभी भी किसी भी फीमेल आर्टिस्ट को कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा कि, "बहुत सारी चीज़ें होती हैं जो देखनी होती हैं, करनी होती हैं. पैर से लेकर सिर तक अनकम्फर्टेबल होता है, हालांकि मैं उसमें भी मज़ा ले रहा था. अब आंखों के बारे मुझे इतना कुछ पता चल गया है. पहले मुझे लगता था कि आईलाइनर, आईशैडो, मस्कारा, काजल सब एक ही चीज़ है, पलकों के ऊपर लगा लो या आंखों में लगा लो. अब जाकर मैं समझा कि हर चीज़ अलग है, हर चीज की जगह और लगाने का तरीका सब अलग है. अब तो काफी दिनों से मैं रूपा बन रहा हूं तो अब ऐसा होता है कि आईलाइनर कहां पतला लग गया है कहां मोटा लग गया है, ये सब थोड़ा थोड़ा समझ में आने लगा है."
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साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, "जिनको ऐसा लगता है कि लड़की बनना बहुत आसान है उन्हें मैं समझा दूं कि कोई भी चीज़ आसान नहीं है. मतलब पैरों में पायल पहनना और पायल सही ना हो तो उसका चुभना, जब चलते हैं तो छन-छन की आवाज़ आना जो नॉर्मली किसी को भी सुनाने की आदत नहीं होती हैं, ऊपर से ये साड़ी पहनना, उसके अंदर पेटीकोट पहनना फिर ऊपर कसा-कसा सा लगना, शाखा पोला पहनना जो अलग से चुभता है, गले में ज्वेलरी ये सब चीज़ें परेशान करने लगती हैं और आखिरी में ये सिर पर विग जो सिर पकड़ लेता है ऐसा लगता है जैसे अंदर कोई सिर को दबाकर बैठा है. मेकअप के लिए तो मेरे मेकअप दादा रिक्वेस्ट करते हैं कि आप कुछ देर के लिए बिल्कुल भी मत हिलियेगा. एक आंख के मेकअप में उन्हें 15 मिनट लगते हैं तो उसमें मुझे आंख बंद करके रखना पड़ता है."
रूपा बनने के लिए प्रविष्ट की दमदार मेहनत
मेकअप करके तो किसी भी किरदार का रूप लिया जा सकता है, लेकिन उस किरदार में ढलने के लिए बहुत होमवर्क करना पड़ता है. ऐसे में औरतों की तरह चलना, उनकी तरह बोलना, उनकी अदाएं, नज़ाकत, इनसब पर प्रविष्ट मिश्रा ने बहुत काम किया. उन्होंने कहा कि, "रूपा का जो बोलने का लहजा है, टोन है वो थोड़ा सा बोंदिता के आसपास का है. बोंदिता छोटी है और रूपा बड़ी है तो अंदाज़ थोड़ा मैच्योर कर दिया है तो बोंदिता से वो सीखा है और कुछ मेरे नाज़, अदा और अंदाज़ जो हैं वो मैंने बोंदिता के नहीं लेकिन औरा वाले हैं. मतलब थोड़ा कुछ नखरे मैंने औरा से भी ले लिया है. सेट पर जितनी भी महिलाएं हैं सबने मेरी मदद की है. जैसे अगर मुझे असिस्टेंट डायरेक्टर बुलाने आती हैं सीन के लिए तो मैं उनसे कहता हूं आप आगे चलिए और जब वो चलती हैं तो मैं उनको देखता हूं कि कैसे चल रही हैं और जो पास्ट एक्सपीरिएंस है उसको मद्दे नज़र रखते हुए मैं कोशिश करता हूं औरतों वाली नज़ाकत लाने की. फिर अपनी चाची, मौसी और बुआ की कुछ चीज़ें याद आती हैं जैसे मुंह बनाकर बनाकर बात करना तो रूपा भी कभी कभी मुंह बनाकर बात कर लेती हैं."
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सीरियल में आने वाले ट्विस्ट की बात करें तो बहुत जल्द अनिरुद्ध बोंदिता को विदेश लेकर जाने वाले हैं. कहानी के बारे में बताते हुए प्रविष्ट ने कहा, "अनिरुद्ध को काफी हद तक कामियाबी मिली है लेकिन परेशानियां बहुत आ रही हैं. हो सकता है शायद रूपा पकड़ी भी जाए और जिस दिन पकड़ी गई उस दिन दिक्कत आ जाएगी और ठाकु मां अपना रंग दिखाएंगी. पकड़े जाने का डर हमेशा बना रहता है लेकिन अनिरुद्ध कोशिश कर रहे हैं कि बोंदिता की पढ़ाई जारी रखी जाए.
''कोशिश तो यही है. जिस समय की हमारी कहानी है उस समय बैरिस्टरी की पढ़ाई लन्दन से होती थी जो अनिरुद्ध करके आया है. अब बस वो चाह रहा है कि बोंदिता की वो फटाक से लन्दन लेकर जाए और उसे भी बैरिस्टर बाबू बनाए क्योंकि बैरिस्टर बाबू बनने के बाद का जो सफर है वो बहुत ही अनूठा होने वाला है. उसमें भी कई परेशानियां आएंगी क्योंकि वो पहली लेडी बैरिस्टर बनेगी. बहुत कुछ है लेकिन फिलहाल तो वो ठाकु मां के घर पर अटकी हुई है. हमारी हवेली में होती तो पढ़ाई कर पाती लेकिन ठाकु मां के घर पर तो पढ़ाई भी नहीं हो पा रही."
बता दें कि प्रविष्ट मिश्रा एक्टिंग के साथ साथ अपनी फिजियोथेरेपी की पढ़ाई भी कर रहे हैं. बहुत जल्द वो डॉक्टर भी बन जाएंगे.