मशहूर टीवी शो 'भाभी जी घर पर हैं' के किरदारों को फैंस बेहद पसंद करते हैं. शो के सितारे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. आपको बता दें इस शो में मनमोहन तिवारी की मां यानी अम्माजी का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस सोमा राठौड़ को सभी काफी पसंद करते हैं.
आपको बता दें शो के दौरान अपने एक्ट्रेस को यानी अम्माजी को भारी-भरकम शरीर में ही देखा होगा, लेकिन क्या आपको यह पता है कि वो ऐसी नहीं थीं. बल्कि, पहले वो काफी दुबली-पतली और ग्लैमरस हुआ करती थीं.
एक ऐसे इंडस्ट्री में जहां एक्टर अपनेआप को फिट रखने के लिए काफी एक्सरसाइज और मेहनत करते हैं, वहीं सोमा ने इस ग्लैमरस इंडस्ट्री में काम पाने के लिए वजन बढ़ाया है.
ईटाइम्स टीवी को दिए एक इंटरव्यू में सोमा ने अपना अनुभव साझा किया, सोमा राठौड़ ने कहा कि वह कभी भी निर्देशकों की कमेंट से निराश नहीं हुईं. उन्होंने कहा, "मैं बहुत मोटी या बहुत पतली नहीं थी, जब मैंने भूमिकाओं के लिए ऑडिशन देना शुरू किया और कास्टिंग एजेंटों के पास जाना शुरू किया, तो मैं नार्मल थी. न बहुत पतला, न बहुत मोटी."
उस दौरान मैं किसी भी क्राइटेरिया में फिट नहीं होती थी और मुझे रिजेक्ट कर दिया जाता था. फिर, मेरे एक दोस्त ने सुझाव दिया कि मैं अधिक वजन बढ़ाऊं, कम से कम, मुझे बड़े अभिनेताओं की लिस्ट में गिना जाएगा. उसके बाद, मैंने वजन बढ़ाया और मुझे काम मिलना शुरू हो गया.
आपको बता दें वे फिलहाल जीजाजी छत पर कोई है में नजर आ रही हैं. सोमा ने आगे कहा कि अब सीरियल की कहानियां उन्हीं को ध्यान में रखकर तैयार होती हैं, उन्होंने कहा- अब, मैं कुछ भी नहीं सोचती क्योंकि लेखक मुझे अपने दिमाग में रखते हैं और मेरा करैक्टर लिखते हैं. एक व्यक्ति को यह सोचकर मजबूत और कॉन्फीडेंट होना चाहिए कि इस दुनिया में उनकी भी जगह है.
एक्ट्रेस ने कहा कि- लोग आपको नीचा दिखाते हैं और आपको यह महसूस कराते हैं कि आप हैं इस दुनिया के लिए नहीं है, लेकिन मैं कहूंगी कि हमें (अधिक वजन वाले लोगों को) अधिक जगह की आवश्यकता है और इसलिए, इस दुनिया में हमारे लिए और जगह है."
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कंटेंट और टैलेंट लुक से ज्यादा महत्वपूर्ण है. जिसके बारे में बोलते हुए सोमा ने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है जिससे बहुत से लोगों को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलेगा."
कोई भेदभाव नहीं होगा क्योंकि एक्टिंग के लिए, आपका टैलेंट मायने रखता है न की उपस्थिति. इससे बेहतर क्या हो सकता है कि कलाकारों की तुलना उनके टैलेंट या फिर स्किल के आधार पर की जा रही है न कि शारीरिक बनावट के आधार पर?"