Kader Khan life story कादर खान की जिंदगी किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं थी. बेहद कम उम्र में काबुल से मां-बाप के साथ आए कादर खान ने बचपन गरीबी में बिताया. फिर हालात ऐसे बने कि मां-बाप अलग हो गए. लेकिन जिंदगी में नाकामी से कामयाबी तक कादर खान के साथ कोई साथ रहा तो वो हैं उनकी मां. एक्टर का अपनी मां के साथ बहुत गहरा रिश्ता था. लेकिन वो उन्हें जिंदगी में खुशियां नहीं दे सके इस बता का मलाल उन्हें हमेशा रहा.
कादर खान ने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि मेरी मां की मौत का भी मजाक बन गया था. दरअसल, कादर खान की मां का इंतकाल 1 अप्रैल को हुआ था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, "जब मैंने लोगों को फोन करके मां के मौत की खबर दी तो लोग समझे ये मजाक है. मुझे हमेशा इस बात का मलाल रहा कि मेरी मां की मौत भी लोगों को मजाक लगी."
T 3045 - Kadar Khan passes away .. sad depressing news .. my prayers and condolences .. a brilliant stage artist a most compassionate and accomplished talent on film .. a writer of eminence ; in most of my very successful films .. a delightful company .. and a mathematician !! pic.twitter.com/l7pdv0Wdu1
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) January 1, 2019
#KaderKhan Saab was one of the finest actors of our country. It was a joy and a learning experience to be on the sets with him. His improvisational skills were phenomenal. His humour was eternal and original. He was a wonderful writer. We will miss him & his brilliance.🙏🙏 pic.twitter.com/m9z1yix9HB
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 1, 2019
कादर खान ने बताया था, "मेरी मां चाहती थी कि मुझे जिंदगी में सुकून मिले. मैं अपने बच्चों में इस सुकून की तलाश करता. लेकिन मैं अपनी मां को ये खुशी नहीं दे सका. वो इस बात की तकलीफ के साथ ही दुनिया से गईं कि कादर कभी सुकून से नहीं रहा."
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काबुल से मुंबई इसलिए आया था कादर खान का परिवार
कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था, लेकिन काबुल से मुंबई आने के पीछे दिलचस्प कहानी है जिसे एक्टर ने खुद एक इंटरव्यू में सुनाया था.
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कादर खान ने बताय, "मेरा परिवार काबुल में रहा, मुझसे पहले मां के तीन बेटे हुए, लेकिन तीनों की मौत तकरीबन 8 साल की उम्र तक आते आते हो गई. उसके बाद चौथे नंबर पर मेरी पैदाइश हुई. मेरे जन्म के बाद मेरी मां ने मेरे वालिद से कहा कि ये सरजमीं मेरे बच्चों को रास नहीं आ रही है. मां ने मेरे वालिद को फोर्स किया और हमारा परिवार हिंदुस्तान, मुंबई आ गया."