अवॉर्ड विनिंग फिल्म पेडलर्स बना चुके डायरेक्टर वासन बाला अपनी फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ लेकर आए हैं. इसे 43वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘ग्रोल्स व्यूअर्स च्वाइस अवॉर्ड’ से नवाजा गया है.
‘मर्द को दर्द नहीं होता’ ने जिन दो फिल्मों को पीछे छोड़ा है वह हैं, डेविड गॉर्डन की ‘ग्रीन्स हैलोवीन’ और सैम लेविन्सन की ‘असासिनेशन नेशन’. ये दोनों फिल्में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं.
‘मर्द को दर्द नहीं होता’ में मुख्य भूमिका अभिमन्यु दस्सानी ने निभाई है. उनका किरदार ऐसा है कि उसे किसी भी तरह का कटने या चोट आने पर दर्द नहीं होता. इसके बाद वह जब बड़ा होता है, तो तय करता है कि वह अपने 100 दुश्मनों से बदला लेना.इसके बाद कहानी दिलचस्प हो जाती है.
फिल्म को टीआइएफएफ के ‘मिडनाइट मैडनेस’ सेशन में प्रदर्शित किया गया. रविवार दोपहर फिल्म को पुरस्कार मिलने के बाद निर्देशक बाला ने कहा, ‘मुझे अभी तक यकीन नहीं हो रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘शायद मुंबई वापस जाते समय इस पर भरोसा हो जाये.’ ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ में नवोदित अभिनेता अभिमन्यु दस्सानी और राधिका मदान ने अभिनय किया है. दस्सानी ने एक ऐसे युवक का किरदार निभाया है.