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जानिए कौन हैं हवा सिंह? जिसकी बायोपिक प्रमोट कर रहे सलमान खान

कैप्टन हवा सिंह का जन्म हरियाणा में हुआ था. वे 19 साल की उम्र में इंडियन आर्मी में भर्ती हो गए थे. उन्होंने अपने टैलेंट का प्रदर्शन करते हुए सबको हैरान किया था और साल 1960 में  वे डिफेंडिग चैंपियन मोहब्बत सिंह को हराकर वेस्टर्न कमांड के चैंपियन साबित हुए थे. सूरज पंचोली हवा सिंह की बायोपिक में काम कर रहे हैं.

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सूरज पंचोली और हवा सिंह
सूरज पंचोली और हवा सिंह

सूरज पंचोली अपनी फिल्म हवा सिंह को लेकर चर्चा में चल रहे हैं. इस फिल्म की कहानी इंडियन बॉक्सर हवा सिंह की लाइफ पर आधारित है. सूरज की इस फिल्म को सलमान खान भी सपोर्ट कर रहे हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर इस फिल्म का फर्स्ट लुक पोस्टर शेयर किया था. इस पोस्टर में सूरज पहलवान की तरह दूध पीते नजर आए थे. सूरज मुक्केबाज हवा सिंह की इस बायोपिक को लेकर काफी उत्साहित हैं. आइए जानते हैं इस बॉक्सर के बारे में.

कैप्टन हवा सिंह का जन्म हरियाणा में हुआ था. वे 19 साल की उम्र में इंडियन आर्मी में भर्ती हो गए थे. उन्होंने अपने टैलेंट का प्रदर्शन करते हुए सबको हैरान किया था और साल 1960 में  वे डिफेंडिग चैंपियन मोहब्बत सिंह को हराकर वेस्टर्न कमांड के चैंपियन साबित हुए थे. हवा सिंह ने अपनी परफॉर्मेंस से सभी का ध्यान आकर्षित किया था और उन्होंने साल 1966 में एशियन गेम्स में हिस्सा लिया था.

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They call him the “Baap Of Indian Boxing” Here’s the first look of #HawaSingh Our effort to bring his story alive on screen, So grateful to play this legend whose story will continue to inspire the generations yet to come! Blessed to be in his gloves! 🥊 #HawaSinghBiopic @hawasinghbiopic

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हवा सिंह ने साल 1966 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा वे साल 1970 में बैंकाक में हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे थे. साल 1966 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. साल 1961 से 1972 तक उन्होंने लगातार नेशनल चैंपियनशिप जीती थी. बॉक्सिंग की दुनिया से अलविदा कहने के बाद उन्होंने अपने अनुभवों को जूनियर खिलाड़ियों में बांटने का निर्णय लिया था और वे भिवानी बॉक्सिंग क्लब के को-फाउंडर भी रह चुके हैं. 

द्रोणाचार्य अवॉर्ड लेने से पहले ही चल बसे थे हवा सिंह

भिवानी बॉक्सिंग क्लब को साल 2008 में काफी चर्चा हासिल हुई थी क्योंकि उस साल समर ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने पांच बॉक्सर्स पहुंचे थे जिनमें से चार बॉक्सर्स भिवानी से थे. उसी बैच के जितेंद्र कुमार और अखिल कुमार ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था. वहीं विजेंद्र सिंह ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने में कामयाब रहे थे. साल 1999 में हवा सिंह के प्रयासों के चलते उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड देने की घोषणा की गई थी. हालांकि 14 अगस्त 2000 को उनका निधन हो गया था और द्रोणाचार्य अवॉर्ड हासिल करने के महज 15 दिनों पहले वे इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए थे.

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