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भारत पर सलमान खान का आजतक को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

सलमान ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि उनके अंदर भी कई बुरी चीजें हैं लेकिन वे इन्हें बताना नहीं चाहते. इन्हें कब्र तक लेकर जाना चाहते हैं. एक्टर ने यह भी कहा कि वो अपनी फिल्मों की हीरोइन नहीं चुनते हैं और फ़िल्में क्रिटिक्स को इम्प्रेस करने के लिए नहीं करते हैं. ताकि फैंस थियेटर जाएं, अच्छा समय बिताएं. थोड़ा डांस करे और थोड़ा सा रोएं.

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सलमान खान
सलमान खान

ईद पर सलमान खान की फिल्म भारत रिलीज़ हो चुकी है. इस फिल्म को दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. सलमान खान अपनी इस फिल्म के लिए जमकर प्रमोशन्स में जुटे थे. इसी सिलसिले में उन्होंने आजतक/के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की.

आपके लिए भारत - आइडिया ऑफ भारत के क्या मायने हैं ?

फिल्म भारत पर हमें बेहद गर्व है और अगर पर्सनली कहूं तो भारत मेरे लिए वो जगह है, जहां मैं पैदा हुआ हूं और ये वो जगह भी है जहां मैं मरूंगा. भारत से बेहतर जगह इस दुनिया में और कहीं नहीं है.

प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में आप इसलिए नहीं पहुंच पाए क्योंकि वीरू देवगन का निधन हो गया था. क्या आपके लिए हमेशा से ही परिवार और दोस्त सभी चीज़ों से बढ़कर रहे हैं?

हां, ऐसा हमेशा से ही रहा है. जब आप मेरी पूरी यात्रा को देखोगे तो आप पाओगे कि ये हमेशा से ही मेरे फ्रेंड्स और फैमिली के बारे में ही रही है. उनकी तरफ से भी ऐसा ही है. और अगर आप मेरी यात्रा देखें तो मुझे पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' से बच्चों, बूढ़ों, परिवारों का प्यार मिला है. तो मेरे लिए ये 30 साल बेहद खास रहे हैं. मेरे लिए पिछले तीस सालों की यात्रा कई मायनों में अद्भुत रही है.

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आप पिछले 30 सालों से बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं...?

राज नहीं, मैं ये नहीं कहूंगा कि मैंने राज किया है.

कह सकते हैं कि आपको लोगों ने इन सालों में बहुत प्यार दिया है.

हां, इस बात से मैं सहमत हूं.

सुल्तान में हमने आपको बढ़े हुए वजन के साथ देखा. ट्यूबलाइट में आपको सिंपल इंसान के रूप में देखा. भारत में हम आपको 70 साल के इंसान के रूप में देखेंगे. बजरंगी भाईजान के बाद आप अपनी हर फिल्म के साथ कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं ?

दरअसल, ये मेरा कंफर्ट जोन हैं. जब आपके पास एक बेहतरीन स्क्रिप्ट होती है तो आप उसके लिए कंफर्ट जोन से बाहर निकल ही जाते हो. हालांकि जो खराब स्क्रिप्ट होती है, उसे हिट कराना काफी मुश्किल होता है. आप चाहे कितने भी अच्छे एक्टर क्यों ना हो, एक खराब स्क्रिप्ट को हिट कराना लगभग नामुमकिन हैं.

बजरंगी भाईजान के बाद से आप ऐसी ही स्क्रिप्ट चुन रहे हैं जिनसे दर्शक काफी रिलेट कर पा रहे हैं.

मैं ऐसा बजरंगी भाईजान से पहले से कर रहा हूं. एक समय था जब मैं लाइफ में थोड़ा आरामतलब हो गया था और मैं अपने दोस्तो द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्में करता था कि ये हो जाएगा, कर लेंगे. इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि वो काम काफी औसत था. वो काम भी मैंने इसलिए किया था कि क्योंकि मेरे हिस्से कुछ भी बेहतर नहीं आ रहा था. मैंने उन फिल्मों में अपना बेस्ट दिया और उनमें से भी ज्यादातर फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया.उसके बाद मैंने 'तेरे नाम' में कुछ अलग करने की सोची. फिर टाइगर में अपने देश के लिए प्यार, बजरंगी भाईजान में छोटी सी लड़की को लेकर प्यार. इन सभी फिल्मों में दर्शकों को कुछ लार्जर दैन लाइफ एलिमेंट्स देखने को मिले और मुझे भी इन किरदारों को निभाकर काफी मजा आया.

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किसी भी फिल्म का नैरेशन सुनते वक्त अगर मुझे नींद आ गई या फिर मुझे मजा नहीं आया तो मैं उस फिल्म को नहीं करता हूं. मुझे फर्स्ट नैरेशन से ही फिल्म उत्साहित करनी चाहिए. मैं पहले प्लॉट सुनता हूं और अगर मुझे प्लॉट पसंद आया तो मैं पूरी कहानी सुनता हूं और फिर उसके बाद हम कहानी के आइडियाज़ के बारे में बात करते हैं.

लोकसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद आपने स्वच्छ भारत, फिट भारत कहकर ट्वीट किया था. क्या ये इसलिए भी था कि आपकी फिल्म एक साफ सुथरी, फिट फॉर फैमिली फिल्म है?

नहीं, मैं अपनी फिल्म भारत को किसी भी रूप में प्रमोट करने की कोशिश कर रहा हूं. ये फिल्म ज्यादातर हिंदुस्तान में ही शूट हुई है. मैं ये भी कोशिश करता हूं कि जिस भी राज्य में जा रहा हूं उस राज्य को प्रमोट करूं. जैसे मैं कुछ समय पहले मध्य प्रदेश में था तो मैं उस स्टेट को प्रमोट कर रहा था. इससे पहले मैं अरुणाचल प्रदेश भी गया था और उससे पहले मैं कश्मीर भी गया था. मैं जहां भी जाता हूं, उस जगह का ब्रैंड एबेंसेडर बने बिना मैं उस जगह को प्रमोट करने की कोशिश करता हूं. क्योंकि मुझे पता है कि हमारा देश बेहद खूबसूरत है और मैं इस देश में टूरिज्म को प्रमोट करते हुए देखना चाहता हूं. मुझे कश्मीर में शूट करना काफी पसंद है.

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कई फिल्मों को बिना रिसर्च के शूट किया जा सकता है, लेकिन भारत जैसी फिल्म, जिसके साथ कई ऐतिहासिक नैरेटिव भी जुड़े हैं, क्या आप इनसे जुड़े रेफरेंस को पढ़ते हैं? या फिर आप ऐसे केस में पूरी तरह से निर्देशक पर निर्भर होते हैं ?

हां, मुझे फिल्म के बारे में काफी कुछ तो पता होता है. जब मुझे जानकारी मिलती है तो मैं उसे पढ़ लेता हूं. इसमें ये है कि विश्वकप का रेफरेंस है, इसके अलावा अबू धाबी के अंदर जब तेल निकला था और कैसे लोग वहां गए थे. और वो मर्चेंट नेवी का एक दौर आया था जब सब मर्चेंट नेवी जॉइन कर रहे थे. जय जवान जय किसान वाला हिस्सा भी मिलेगा. इसके अलावा रेलवे में नौकरी है. ऐसी कई चीज़ें हैं. इसके अलावा बैकड्रॉप में लार्जर दैन लाइफ इमेज तो है ही.

आपकी फिल्मों में गाने अक्सर हिंदी और अंग्रेज़ी गानो के मिक्स होते हैं और वे कुछ ऐसे होते हैं जो आपकी पर्सनैलिटी और स्टोरी को मैच करते हैं. क्या आप भी अपनी फिल्मों के गानों के क्रिएशन में शामिल होते हैं ?

हां, मैं अपनी फिल्मों के म्यूजिक में काफी दिलचस्पी रखता हू्ं. मैं फिल्म के म्यूजिक पर आखिरी फैसला लेता हूं. विशाल शेखर अच्छे म्यूजिशियन हैं. हमारे पास 5-6 गाने हैं और ये सभी गाने काफी अच्छे बन पड़े हैं. आज का दौर अलग है. गाना किसी भी फिल्म में आजकल पहली चीज़ होता है. आजकल म्यूजिक डायरेक्टर्स पर काफी प्रेशर रहता है. निर्देशकों पर भी काफी प्रेशर रहता है ताकि वे सही गाने को चुन सकें.

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हर एक का टेस्ट अलग-अलग है. म्यूजिक ही कुछ डिफरेंट चल रहा है. मैं कुछ अलग ही म्यूजिक कर रहा हूं. वो भी चल रहा है. लोग कहते हैं कि फिल्म में सलमान खान है इसलिए फिल्म का म्यूजिक अच्छा है. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर लोगों को साउंड पसंद आया, फील पसंद आई तो लोग सुनते हैं. ज्यादातर जो गाने हैं, वो जब कोई दो तीन साल का बच्चा वो गाना शुरू करता है, वो बैरोमीटर है कि ये गाना हिट है. मैं किसी म्यूज़िक पंडित का वेट नहीं करता हूं जो फिल्म के गानों को लेकर अपनी राय दें. मुझे लगता है कि मेरे लिए उस बच्चे की राय मायने रखती है. मैं दूसरे एक्टर्स के लिए फिल्में नहीं बना रहा हूं और ना ही मैं क्रिटिक्स को इंप्रेस करने के लिए फिल्में बना रहा हूं. मैं फिल्में बनाता हूं ताकि मेरे फैंस थियेटर जाएं और अच्छा समय बिताएं. थोड़ा कुछ सीखने को मिले, थोड़ा डांस करे, थोड़ा सा रोएं और थोड़ा सा उस कैरेक्टर का 10-15 प्रतिशत घर पर लेकर जाए और उसको अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें.

कटरीना ने हाल ही में कहा कि वे सलमान खान की हर फिल्म में नहीं हो सकती हैं. क्या आप अपने प्रोडक्शन हाउस में एक्ट्रेसेस का चुनाव करते हैं ?

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नही. अगर फिल्म के डायरेक्टर कहते हैं कि कटरीना को लेना चाहिए तो कटरीना के नाम पर विचार किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, मैंने फिल्म दबंग की. इस फिल्म के दूसरे पार्ट में भी सोनाक्षी सिन्हा ही दिखाई दीं. मेरे हिसाब से जब भी दबंग फिल्म होगी, तब- तब फिल्म में सोनाक्षी देखने को मिलेगी. ऐसे ही किक में जैकलीन हैं.  किक के पार्ट 2 में भी जैकलीन ही नज़र आएंगी. टाइगर सीरीज़ में हमेशा कटरीना ही होंगी. हम एक्ट्रेसेस को हल्के में नहीं ले सकते हैं.

हम आपके बारे में सभी अच्छी बातें जानते हैं. आपके बारे में वो एक चीज़ क्या है जो आपको बुरा बनाती है?

कई सारी बुरी चीज़ें हैं. बहुत ही बुरी. लेकिन मैं उन्हें शेयर नहीं कर सकता हूं. वो बुरी चीज़ें ऐसी हैं जिन्हें मैं अपनी कब्र तक साथ लेकर जाऊंगा.

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