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Ramayan 27th May Update: श्रीराम ने शुरू की सीता की खोज, शबरी से होने जा रही मुलाकात

अब तक आपने देखा कि रावण, सीता को हरण कर अपने साथ ले गया है और श्रीराम-लक्ष्मण सीता को खोज रहे हैं. बुधवार के एपिसोड में सीता की खोज और तेज हो जाएगी.

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रामायण में राम, सीता और लक्ष्मण
रामायण में राम, सीता और लक्ष्मण

स्टार प्लस की रामायण में बुधवार के एपिसोड में क्या हुआ, चलिए जानते हैं. श्रीराम और लक्ष्मण हर जगह सीता को खोज रहे हैं तभी वहां उन्हें जटायु घायल अवस्था में मिलता है, जटायु श्रीराम को बताता है कि वो राम की ही प्रतीक्षा कर अपने प्राणों को रोके हुए था. जटायु ,श्रीराम को बताता है कि सीता को रावण अपने विमानी रथ पर बैठाकर आकाश मार्ग से अपने साथ ले गया है, और साथ ही अफ़सोस भी जताता है कि वो सीता को बचा ना सका. श्रीराम ये प्रतिज्ञा लेते हैं कि रावण जहां भी हो उसे खोजकर वो उसके प्राण ले लेंगे, इतने में ही जटायु की मृत्यु हो जाती है. श्रीराम और लक्ष्मण पूरे रीति रिवाजों से जटायु का अंतिम संस्कार करते हैं.

एक तिनके से सीता ने तोड़ा रावण का घमंड

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उधर देवी सीता, रावण की लंका में पहुंच गई हैं, रावण, सीता से मिलने आता है और ये कहता है कि अगर तुम अपने प्राण लेना चाहती हो तो ये संभव नहीं, तुम तभी मरोगी जब रावण चाहेगा. सीता, रावण की एक नहीं सुनती और उसे खूब खरी खोटी सुनाती है, सीता, रावण से कहती है कि उसके पति श्रीराम उसका नाश ज़रूर करेंगे. रावण, सीता से कहता है कि चुपचाप वो उसकी रानी बन जाए परंतु सीता, रावण को कायर कहकर उसका अपमान करती है. ऐसे में क्रोधित होकर रावण, सीता को ज़बरदस्ती अपनी पत्नी बनाने की कोशिश करता है तभी सीता एक तिनके का पत्ता अपने पास रख देती है ताकि रावण उसके पास ना आ सके.

रावण को उसका वो श्राप याद आता है जो उसे नलकुबेर ने दिया था अगर रावण किसी स्त्री के साथ जोर जबरदस्ती करेगा तो रावण के सर के कई टुकड़े हो जाएंगे. जिस वजह से रावण रुक जाता है और सीता के साथ जबरदस्ती नहीं करता. रावण, सीता को 1 वर्ष की अवधि देता है कि वो स्वयं रावण के पास आ जाए. रावण की लंका में काम करने वाली एक राक्षसी, सीता को खाना खाने को कहती है , सीता को वो समझाती है और कहती है कि अपने पति राम के आने तक सीता को जिंदा रहना ही होगा.

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वहां मंदोदरी, देवी सीता के लिए वस्त्र भेंट में भिजवाती है परंतु सीता वो वस्त्र लौटा देती हैं ये कहकर कि मेरे वस्त्र सति अनुसुइया के दिए हुए हैं. ये मैले नहीं होते.

लंकापति रावण की पत्नी मंदोदरी अपने पति से कहती है कि वो सीता को जाने दें, उसके यहां होने से किसी का कल्याण नहीं होता और मंदोदरी अपने पति रावण से कहती है कि वो सीता को उसके पति राम के पास छोड़ आए परंतु रावण, मंदोदरी की एक नहीं सुनता और वहां से चला जाता है.

उधर श्रीराम और लक्ष्मण, सीता की खोज में भटक रहे हैं. रास्ते में उन्हें सीता के आभूषण मिलते हैं और उसी से वो अपना आगे का मार्ग तय करते हैं सीता तक पहुंचने के लिए.

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कबंध राक्षस से सामना

श्रीराम और लक्ष्मण को रास्ते में एक खतरनाक कबंध राक्षस मिलता है. श्रीराम और लक्ष्मण से कहता है कि वो असल में राक्षस नहीं बल्कि एक गन्धर्व था जो ऋषि स्थुलशिरा के श्राप से राक्षस बन गया है , साथ ही ये भी बताता है अगर श्रीराम उसे जला देंगे तो वो अपने असली रूप में आ जाएगा जिससे वो श्रीराम और लक्ष्मण को सीता के बारे में एक महत्त्वपूर्ण जानकारी देगा.

श्रीराम और लक्ष्मण उसका दाह संस्कार कर श्राप से मुक्त कर देते हैं और वो अपने असली रूप में आता है. श्रीराम और लक्ष्मण को बताता है रावण , सीता को लेकर दक्षिण दिशा में गया है, श्रीराम को वो सुग्रीव से मिलने को कहते हैं क्योंकि वो राम की सहायता करेंगे सीता तक पहुंचने में. साथ ही ये भी बताता है कि ऋषिमुख पर्वत जाने के लिए श्रीराम और लक्ष्मण को महातपस्विनी शबरी के पास जाना होगा. वही सुग्रीव तक जाने का मार्ग बताएंगी.

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तपस्विनी शबरी से मिलने के लिए श्रीराम और लक्ष्मण निकल पड़ते हैं और शबरी के पास पहुंचते हैं.

कल के एपिसोड में दिखाया जाएगा कि श्रीराम और लक्ष्मण शबरी से मिलते हैं और साथ ही श्रीराम को मिलेंगे हनुमान.

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