scorecardresearch
 

गर्भवती हथिनी के बाद गाय ने खाया विस्फोटक, पूजा भट्ट बोलीं- जानवरों पर अत्याचार करो बंद

खबर है कि ये गाय हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में घास चर रही थी, जब उसने पटाखे खा लिए और उसका जबड़ा बुरी तरह से जल गया. इस चोटिल गाय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस गाय के नाम पर ट्विटर ट्रेंड चल निकला है. लोग इस घटना के बाद काफी आक्रोश जता रहे हैं और न्याय की मांग भी कर रहे हैं.

Advertisement
X
पूजा भट्ट
पूजा भट्ट

केरल के पलक्कड़ में गर्भवती हथिनी की विस्फोटक खाने से हुई मौत के बाद अब हिमाचल प्रदेश में एक गाय का मुंह विस्फोटक से जलने की खबर सामने आई है. खबर है कि ये गाय हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में घास चर रही थी जब उसने पटाखे खा लिए और उसका जबड़ा बुरी तरह जल गया. इस चोटिल गाय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ऐसे में एक ट्विटर यूजर ने इस गाय के बारे में ट्वीट किया, जिसका जवाब पूजा भट्ट ने दिया है. पूजा भट्ट ने इस खबर पर अपना रिएक्शन दिया. वे इस खबर से काफी नाराज हैं और ये बात उन्होंने अपने ट्वीट से साफ कर दी है. पूजा ने लिखा, 'ये बहुत नीच हरकत है. विस्फोटकों का ऐसे हो रहा इस्तेमाल बंद होना चाहिए. अगर जानवरों पर हो रहे अत्याचार पर कानून सख्त किए जाएं तब ही इसका कुछ हो सकता है. पावर में बैठे लोगों के लिए जानवरों पर अत्याचार रोकने का समय आ गया है.'

Advertisement

गौरतलब है कि इस गाय के नाम पर ट्विटर ट्रेंड चल निकला है. लोग इस घटना के बाद काफी आक्रोश जता रहे हैं और न्याय की मांग भी कर रहे हैं. वहीं गाय के मालिक गुरदियाल सिंह ने अधिकारियों से जांच की मांग की है. पुलिस ने इस मामले के संबंध में केस दर्ज कर लिया है. पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है.

10 जून से शुरू होगी टीवी के इन सीरियल्स की शूटिंग? एक्टर्स ने कहा ये

थिएटर खुलने पर भी बोली थीं पूजा

याद दिला दें कि पूजा भट्ट ने इससे पहले थिएटर्स के खुलने पर भी ट्वीट किया था. पूजा ने इस बारे में एक महत्वपूर्ण बात कही थी. उन्होंने अपनी राय रखते हुए कहा था, 'इन दिनों प्रोड्यूसर्स और एग्जिबिटर्स के बीच हो रही लड़ाई वैसी ही है जैसे दो गंजे लोग एक कंघे को लेकर लड़ रहे हो.'

अपनी जिंदगी पर बने लाइव शो को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखाएंगे अनुपम खेर, जानें डिटेल्स

पूजा ने आगे लिखा, 'ऑडियंस कहां है?' उनके ट्वीट का सीधा इशारा इस तरफ है कि अगर थिएटर्स खुल भी गए और फिल्मों की स्क्रीनिंग शुरू भी कर दी तो जब तक ऑडियंस फिल्म देखने नहीं पहुंचेगी तो इसका क्या फायदा होगा.

Advertisement

Advertisement
Advertisement