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पायल रोहतगी ने किया शिवाजी महाराज की जाति पर सवाल, विवाद बढ़ा तो मांगनी पड़ी माफी

छत्रपति शिवाजी महाराज पर पायल रोहतगी ने विवादित बयान दिया. हालांकि सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के लिए पायल को इतने नेगेटिव कमेंट्स मिलें कि उन्हें अपना ट्वीट ही डिलीट करना पड़ा और फिर माफी मांगनी पड़ी.

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पायल रोहतगी
पायल रोहतगी

हाल ही में महान समाज सुधारक राजा राममोहन रॉय पर हमला बोलने वालीं और सती प्रथा पर विवादित बयान की वजह से सुर्ख़ियों में आई एक्ट्रेस पायल रोहतगी ने अब छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर एक नए विवाद में फंस गई हैं. दरअसल, छत्रपति शिवाजी महाराज पर पायल रोहतगी ने विवादित बयान दिया. हालांकि सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के लिए पायल को इतने नेगेटिव कमेंट्स मिलें कि उन्हें अपना ट्वीट ही डिलीट करना पड़ा और फिर माफी मांगनी पड़ी.

दरअसल, एक्ट्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा था छत्रपति शिवाजी महाराज शूद्र वर्ण में पैदा हुए थे और उनका परिवार किसानों का परिवार था. एक पवित्र समारोह और अपनी पत्नी से शादी के बाद वे क्षत्रिय बन गए थे ताकि उन्हें राजा बनाया जा सके. यानि एक वर्ण से दूसरे वर्ण में जाया जा सकता है. यानि यहां जाति व्यवस्था नहीं है ?

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एक्ट्रेस ने अगले ट्वीट में लिखा - किसानों के परिवार या शूद्र वर्ण का होना कोई गुनाह नहीं है. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि शिवाजी महाराज क्षत्रिय वर्ण से थे, वो भी ठीक हैं. लेकिन हिंदू भारतीयों को अपने राजाओं के बारे में सही फैक्ट्स पता होने चाहिए. आखिर महाराष्ट्र में मराठाओं को रिजर्वेशन क्यों दिया जा रहा है?

इस ट्वीट के बाद पायल को लोगों की जबरदस्त नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं. उन्होंने ये देखते हुए अपने ट्वीट्स के लिए माफी मांगी और वीडियो अपलोड करते हुए कहा कि मेरे एक सीधे से सवाल को हेट स्पीच में तब्दील कर दिया गया. मैं भी महान हिंदू राजा की पूजा करती हूं. मैं कुछ पढ़ रही थी और मुझे कुछ जानकारियां मिली तो मुझे लगा कि मैं इसे लोगों के साथ साझा करूं, लेकिन मुझे लगता है कि ट्विटर पर सभी बिना नाम के ट्रोल्स बैठे हुए हैं.

पायल ने कहा कि मैं उन सभी लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं जिन्हें ये लगा कि मैं उनके महाराज के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रही हूं. ये साफ है कि मेरे पास एक सवाल पूछने का भी हक नहीं है क्योंकि लोगों द्वारा इसे गलत सेंस में लिया जाता है.

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महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार पायल और उन जैसे कई लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करा रही है ताकि वे विपक्ष के बड़े लीडर्स और मशहूर सोशल वर्कर्स के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी कर सकें.

उन्होंने कहा कि आज भी शिवाजी महाराज को कई लोगों द्वारा पूजा जाता है. हम उनके खिलाफ किसी भी तरह की नकारात्मक बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. पायल ने इससे पहले राजा राममोहन रॉय को बदनाम करने की कोशिश की थी, सती प्रथा का समर्थन किया था और अब उन्होंने शिवाजी महाराज की बेइज्जती करने की हिमाकत की है. उनके इस बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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