scorecardresearch
 

सीधी बात: परेश रावल बोले- मोदी के रोल के लिए उनकी जैसी आंखें कहां से लाओगे?

Paresh Rawal in Seedhi Baat आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में बॉलीवुड अभिनेता, राजनेता और सांसद परेश रावल ने खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्म उरी से लेकर दोबारा चुनाव लड़ने तक के सवाल पर जवाब दिया.

Advertisement
X
सीधी बात में परेश रावल
सीधी बात में परेश रावल

आज तक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में अभिनेता और सांसद परेश रावल ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर दोबारा चुनाव लड़ने तक से जुड़े सवालों के जवाब दिए. परेश रावल ने बताया कि वे राजनीति में क्यों आए. साथ ही यदि वे इस बार चुनाव नहीं लड़े तो क्या करेंगे.

परेश रावल ने कहा-  उरी फिल्म बनाने की जरूरत उन लोगों के लिए पड़ी, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे और शक किया. हमने दुश्मन को सबक सिखाया है. जब 26/11 हुआ था, तब कांग्रेस सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कहा गया था, लेकिन उसने कदम पीछे खींच लिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक में उनका किरदार निभाने के बारे में परेश रावल ने कहा- "मैंने ये नहीं कहा था कि विवेक ओबेरॉय से अच्छा किरदार मैं निभा सकता हूं, मैंने कहा था कि मैं भी कर सकता हूं. मैं मानता हूं कि एक एक्टर के तौर पर मैं सबसे अच्छा कर सकता हूं. मोदी जी के बोलने का अंदाज, हावभाव, गेटअप कोई कॉपी कर सकता है, लेकिन उनकी आंखें कहां से लाएगा. उनकी आंखों में बहुत गुस्सा है. बहुत कुछ बात है उनमें. आंखों में हमेशा ये चिंता दिखती है कि मेरा देश क्या हो सकता था और अब आगे इसे क्या बनाना है."

Advertisement

परेश रावल ने दोबारा चुनाव लड़ने पर कहा- "मैं यदि सांसद न भी रहूं तो भी आम लोगों की सेवा करता रहूंगा. मैं सांसद बनने के लिए राजनीति में नहीं आया था. मैं ऐसे आदमी के साथ काम करने के लिए आया हूं, जो हमेशा देश के बारे में सोचता है. उसका कोई निजी स्वार्थ नहीं है. मुझे खुशी होगी यदि मोदीजी अहमदाबाद से चुनाव लड़ते हैं."

रावल ने आगे कहा- पांच साल सांसद रहते हुए मैंने यह सीखा कि अगर आपका नेता आपके साथ हो तो आप कुछ भी कर सकते हो. मोदी जैसा कोई नेता मैंने आज तक किसी नहीं देखा है जिसने यह कहा हो कि मुसलमानों के एक हाथ में कंप्यूटर और दूसरे हाथ में कुरान होना चाहिए. यह जरूरी था क्योंकि कंप्यूटर से समझ बढ़ेगी फिर सवाल करेंगे. फिर मुसलमान जो भी मौलानाओं के कंट्रोल में हैं, वो सवाल करना शुरू करेंगे उन्हें अपने आप बातें समझ में आने लगेगी.

Advertisement
Advertisement