स्पेशल ज्यूरी का नेशनल अवार्ड हासिल करने वाले ऐक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की हॉरर फिल्म आत्मा 22 मार्च को रिलीज हो रही है. उनकी फिल्मों और करियर को लेकर हुई बातचीत के प्रमुख अंशः
ढेरों पुरस्कार जमकर तारीफ और नेशनल अवार्ड, कैसा लग रहा है?
बढ़िया है, आखिरकार मेहनत रंग ले आई है.
इस कामयाबी का मंत्र?
मैं यही कहूंगा कि ओरिजिनेलिटी बनाए रखनी चाहिए. इंडस्ट्री में बनावटी चीजों से दूर ही रहना चाहिए. बस, यही मैंने किया.
आपने काफी खराब दौर भी देखा है?
हां, मेरे जीवन में एक दौर जबरदस्त रिजेक्शन का था. उस समय कोई चीज काम नहीं आ रही थी. लेकिन मैंने भी हार नहीं मानी. चार-पांच साल तक बिना काम के रहा. कई दोस्त थे जो रिजेक्शन के बाद अपने घरों को लौट गए, लेकिन मैं डटा रहा.
जब आप रिजेक्शन झेल रहे थे, उस समय ऐसी क्या बात थी, जिसने आपको जिलाए रखा?
मुझे हमेशा अपनी मां की एक बात याद रही कि 12 साल में कचरा होता है न उसके भी दिन बदल जाते हैं. बस, मैं खुद को कचरा समझा करता था.
हॉरर फिल्म करने का मन कैसे बनाया?
जो हॉरर फिल्में बॉलीवुड में बनी हैं, आत्मा उससे एकदम अलग है. यह मां, बाप और बेटी का त्रिकोण है. इसमें बिपाशा की ऐक्टिंग देखकर आप दंग रह जाएंगे.
फिल्म चुनते समय आप किस बात को तरजीह देते हैं?
डायरेक्टर क्योंकि वह स्क्रिप्ट से भी बड़ा होता है. एक अच्छा डायरेक्टर कमजोर स्क्रिप्ट में भी जान फूंक सकता है.
सुनने में आया है कि आपने हजारों स्क्रिप्ट रिजेक्ट की हैं?
अरे! हजारों नहीं. सिर्फ 200 की होंगी (हंसते हुए). हर रिजेक्शन की कोई वजह रहती है.
आपकी आने वाली फिल्में?
माउंटेन मैन, बॉम्बे टॉकीज, देख इंडियन सर्कस और भी कई हैं.